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ऐसे मना सिंगापुर में आजादी का जश्न

Last Updated- December 05, 2022 | 7:42 PM IST

सिंगापुर में रह रहे भारतीय पेशेवर बलजीत नदी किनारे छुट्टियों के मजे ले रहे थे, जब हमने उनसे शहर में चल रहे ‘इन्क्रेडेबल इंडिया एट 60’ के बारे में पूछा।


एक मिनट तक तो वो हमारी शक्ल देखते रहे, फिर कहा कि,’मुझे तो इस बारे में कुछ भी नहीं पता।’ जी नहीं, उन्हें शहर में चल रहे बिजनेस कॉन्फ्रेंस या फिर शहर की जाने-माने स्थल प्लाजा सिंगापुर में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।


यह सब तब है, जब बलजीत स्थानीय पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए हैं। यह कहानी के एक पहलू को दिखाता है। वैसे, कहानी का दूसरा पहलू काफी शानदार है। वैसे तो यह बलजीत जैसे ‘आम आदमियों’ को छू नहीं पाया है, पर इस ‘इन्क्रेडेबल इंडिया एट 60’ समारोह ने सरकारी मशीनरी में जबरदस्त छाप छोड़ी है।


सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हेसिन लूंग ने भी इस मौके पर चल रहे बिजनेस कॉन्फ्रेंस में लोगों को संबोधित करने के लिए समय निकाला। इस चार दिवसीय समारोह के मौके पर भारत सरकार के दो मंत्री, वाणिज्य मंत्री कमलनाथ और सांस्कृतिक मामलों की मंत्री अंबिका सोनी भी मौजूद थे। उनके साथ 20 भारतीय कंपनियों के सीईओज का एक प्रतिनिधिमंडल भी गया है।


सिंगापुर अमेरिका के अलावा इकलौता ऐसा देश है, जहां ‘इन्क्रेडेबल इंडिया एट 60’ समारोह का आयोजन किया गया था। सिंगापुर भारत के लिए दक्षिण एशियाई इलाके में एक विश्वस्त रणनीतिक और व्यापारिक सहयोगी है। और यह समारोह भारत के लिए सिंगापुर की अहमियत को दिखलाता है। सिंगापुर भारत के लिए दक्षिण पूर्वी एशिया और  दक्षिण पूर्वी देशों के संगठन आसियान के द्वार के रूप में काम करता है।


यह पहला और इकलौता ऐसा देश है, जिसके साथ भारत ने व्यापक आर्थिक सहयोग संधि (सीईसीए) पर हस्ताक्षर किया है। यह भारत में सबसे ज्यादा निवेश करने वाले देशों की सूचि में चौथे स्थान पर है। साथ ही, व्यापारिक साथियों की सूचि में इसका स्थान 11वां है। यह तो भारत के लिए सिंगापुर के अहमियत की बस एक बानगी भर है, पूरी लिस्ट तो काफी लंबी है।


सिंगापुर में इस तरह की चर्चा आम है कि भारत और सिंगापुर के रिश्तों में असल गर्माहट तो उसी दिन आ गई थी, जिस दिन आधुनिक सिंगापुर के निर्माता ली कुआन ई (यहां के लोग उन्हें एलकेवाई के नाम से पुकारते हैं) ने दोनों देशों के बीच करीबी संबंध बनाने पर जोर दिया था। इस वजह अब तो यहां काम करने वाले भारतीयों की तादाद भी पिछले कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़ी है।


साथ ही, यहां भारतीय रेस्तरांओं की तादाद भी काफी तेजी से बढ़ी है। सिंगापुर के खेल, युवा और सामुदायिक मामलों के मंत्री विवियन बालाकृष्णन का कहना है कि,’हमें तो आप अपने ही देश के एक हिस्से की तरह लें।’


अगर आप भी सोचते हैं कि भारत सिंगापुर से कुछ नहीं सिख सकता क्योंकि दोनों के बीच में काफी अंतर है तो वाणिज्य मंत्री कमल नाथ आप से इत्तेफाक नहीं रखते। उनके मुताबिक भले ही सिंगापुर की आबादी बस 50 लाख हो और भारत की एक अरब से भी ज्यादा, फिर भी हम उनसे विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी आदतें सीख सकते हैं।


इस समारोह में भारत ने अपनी सबसे अच्छी चीजों का प्रदर्शन किया। इस समारोह का आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और पर्यटन मंत्रालय ने मिल कर किया था। व्यापार प्रतिनिधि मंडल में भारती ग्रुप के सुनील मित्तल, मैक्स ग्रुप के अनलजीत सिंह, एसआरएफ के अरुण भगत राम और टीवीएस इलेक्ट्रोनिक्स के गोपाल श्रीनिवासन समेत भारत के कई जाने-माने कारोबारी भी शामिल थे।

First Published - April 9, 2008 | 11:47 PM IST

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