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धार्मिक सीरियलों की शरण में चले टीवी चैनल

Last Updated- December 05, 2022 | 4:30 PM IST

आशीष सिन्हा एंटरटेनमेंट चैनलों को कमाई का नायाब नुस्खा मिल गया है। रामायण और महाभारत जैसी लोकप्रिय पौराणिक कथाओं को छोटे पर्दे पर मिल रही सफलता से ये चैनल काफी उत्साहित हैं।


इन कार्यक्रमों की वजह से स्टार प्लस, एनडीटीवी इमैजिन, जी टीवी समेत ऐसे कई चैनलों को अगले एक साल में विज्ञापनों से 150 से 200 करोड़ रूपये की कमाई होने की उम्मीद है।


यह राशि 6 एंटरनेटमेंट चैनलों की विज्ञापनों से होने वाली कुल आय का 10 से 12 फीसदी होगी। अब तक रोज दिखाए जाने वाले धारावाहिक, ड्रामा और रोमांचक व जासूसी सीरियल ही विज्ञापनदाताओं को सबसे ज्यादा लुभाते थे।


प्राइम टाइम में एनडीटीवी इमैजिन पर दिखाए जा रहा ‘रामायण’ दर्शकों को खासा लुभा रहा है और इस वजह से इस चैनल की रेटिंग काफी ऊंची हो गई है।


इसके अलावा स्टार प्लस अप्रैल से अपने चैनल पर ‘महाभारत’ का प्रसारण शुरू करने वाला है। स्टार टेलिविजन नेटवर्क के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कार्यक्रम ‘जय दुर्गा मां’ और ‘साईं बाबा’ को काफी लोकप्रियता मिल रही है। ‘


जय दुर्गा मां’ की रेटिंग 3 प्वॉइंट आंकी गई है। जी टीवी के रावण और अलाउद्दीन जैसे कार्यक्रम चैनल की रेटिंग बढ़ाने में खासा मददगार साबित हो रहे हैं।


एसेल ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष आशीष कौल कहते हैं कि माना जा रहा है कि पौराणिक कथाओं वाले सीरियल फिर से चैनलों पर लोकप्रिय हो रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि ये हमेशा लोकप्र्रिय रहे हैं। कौल के मुताबिक, अलाउद्दीन की रेटिंग 4 से 5 के बीच बरकरार है, जबकि रावण को 2 रेटिंग मिल रही है।


सवाल यह पैदा होता है कि ‘रामायण’ एनडीवी इमैजिन के लिए उध्दारक क्यों साबित हुआ? चैनल की क्रिएटिव और प्रोग्रामिंग प्रमुख शैलजा केजरीवाल के मुताबिक, मीडिया और खबरिया चैनलों द्वारा हिंसा परोसे जाने की वजह से ऐसे कार्यक्रमों ने दर्शकों को ध्यान खींचा होगा।


इसके अलावा रामायण हमारी संस्कृति और विरासत का अहम हिस्सा है।स्टार प्लस के अधिकारियों का भी मानना है कि पौराणिक कथाओं पर आधारित सीरियल दर्शकों और विज्ञापनदाताओं दोनों को लुभा रहे हैं।

First Published - March 10, 2008 | 11:35 PM IST

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