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मई में वाहनों की बिक्री में 89 फीसदी की गिरावट

Last Updated- December 15, 2022 | 1:05 PM IST

मई 2020 में यात्री कारों और दोपहिया की खुदरा बिक्री में 86.97 और 88.80 फीसदी तक की कमी आई, जबकि कुल वाहन खुदरा बिक्री में 88.87 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की  गई। यह ध्यान देने की बात है कि इतिहास में पहली बार अप्रैल के महीने में शून्य खुदरा बिक्री दर्ज की गई।
डीलरों को त्योहारी सीजन से बिक्री में सुधार की उम्मीद है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (फाडा) के अनुसार, वाहन खुदरा बिक्री मई 2019 के 18,21,650 वाहनों से घटकर मई 2020 में 2,02,697 रह गई। यात्री वाहन बिक्री एक साल पहले के 2,35,933 वाहन से घटकर 30,749 वाहन रह गई, जबकि दोपहिया बिक्री एक साल पहले के 13,19,842 से घटकर 1,59,039 वाहन रह गई। इसी तरह वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 80,392 से 96.63 फीसदी घटकर महज 2,711 और तिपहिया बिक्री 51,430 वाहनों की तुलना में 96.34 फीसदी घटकर 1,881 वाहन रह गई। मई के शुरू से जहां लॉकडाउन में नरमी आई, वहीं कई शहरों में 40 दिन के बाद पहली बार ऑटो डीलरशिप और वर्कशॉप खुले। मई के अंत में, 26,500 आउटलेटों में से करीब 60 फीसदी शोरूम और 80 फीसदी वर्कशॉप पूरे देश में परिचालन कर रहे थे।
फाडा के अध्यक्ष आशिष हर्षराज काले का कहना है कि मई के पंजीकरण मांग की स्थिति के संकेत नहीं हैं, क्योंकि लॉकडाउन कई हिस्सों में अभी भी लागू है।
लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ाए जाने की उम्मीद और कारोबार पुन: खोले जाने के लगातार प्रयासों से मई के मुकाबले वाहन खुदरा बिक्री में अच्छी तेजी आएगी, लेकिन सालाना आधार पर अनुमानित बिक्री में 25 फीसदी की कमी के साथ संपूर्ण परिदृश्य धुंधला बना हुआ है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर डीलरशिप खुल जाने के बावजूद जून के पहले 10 दिन में काफी कम मांग दर्ज की गई है, शहरी इलाकों में वायरस के सामुदायिक स्तर पर प्रसार के खतरे और पुन: लॉकडाउन की वजह से कमजोर उपभोक्ता धारणा ग्राहकों को खरीदारी से दूर कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हम इस तरह की मांग को लेकर निश्चित तौर पर संतुष्ट नहीं हैं।’ उनका कहना है कि जो शहर और कस्बे कृषि पर निर्भर हैं, वहां हालात में कुछ सुधार दिख रहा है। शहरी इलाकों में लॉकडाउन को लेकर सख्ती ग्रामीण इलाकों की तुलना में ज्यादा है।
काले का कहना है, ‘यदि मांग बढ़ाने के लिए अल्पावधि प्रयास किए जाएं तो लाखों की तादाद में श्रमबल और कई सहायक क्षेत्रों के लिए मददगार वाहन उद्योग उपभोक्ता विश्वास को मजबूत बनाने और धारणा में सुधार लाने में सहायक हो सकता है, नहीं तो त्योहारी सीजन तक इस उद्योग में हालात सामान्य होना बेहद कठिन लग रहा है।’ करीब 15,000 ऑटोमोबाइल डीलरों का प्रतिनिधित्व करने वाले फाडा ने शुरू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कार्यशील पूंजी सहायता के साथ डीलरों की मदद करने का अनुरोध किया था और कंपनियों के लिए लॉकडाउन के बाद 9 महीने तक की अवधि के लिए कार्यशील पूंजी पर चार प्रतिशत ब्याज माफी या सब्सिडी की भी मांग की थी।

First Published - June 12, 2020 | 12:18 AM IST

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