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उत्तर प्रदेश: चित्रकूट मेले में बिके 9,000 गधे

Last Updated- December 11, 2022 | 11:42 PM IST

बीते दो सालों से कोरोना महामारी की भेंट चढ़ा उत्तर प्रदेश के चित्रकूट का गधों का मेला इस बार फिर से गुलजार हुआ। देश विदेश के गधे बिकने को आए तो करीब 20 करोड़ रुपये का कारोबार भी हुआ। मेले में सबसे महंगी दीपिका नाम की गधी बिकी जिसकी कीमत सवा लाख रुपये लगाई गई।
औरंगजेब के जमाने से चित्रकूट में लगते आ रहे गधों के मेले में इस बार दीपावली के मौके पर देस के अलग-अलग हिस्सों से 15,000 से ज्यादा गधे बिकने के लिए आए। नेपाल और बंगलादेश तक के गधे इस बार मेले की रौनक बने। सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के व्यापारी गधे बेचने के लिए पहुंचे। चित्रकूट के मंदाकिनी नदी के तट पर लगने वाले इस पांच दिन के मेले में लगभग 9,000 गधे इस बार बिके। हालांकि मेला आयोजकों का कहना है कि यह कोरोना से पहले के मुकाबले में तो नहीं है पर दो साल की बंदी के बाद हालात में काफी सुधार आया है। इस बार गधों और खच्चरों की आमद तो पहले के जैसी ही हुई है और खरीदार भी खासी तादाद में पहुंचे हैं। हालांकि कीमतें ज्यादा होने के चलते बिक्री अपेक्षा के मुताबिक नहीं हो सकी है।
चित्रकूट में गधों के मेले की शुरुआत मुगल बादशाह औरंगजेब के जमाने में हुई थी जब यहां से सेना के लिए गधों और खच्चरों की खरीद की गई थी। वर्तमान में मंदाकिनी के तट पर सतना जिला पंचायत की ओर से मेले का आयोजन किया जाता है।

First Published - November 8, 2021 | 11:11 PM IST

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