महाराष्ट्र में सहकारी और कानूनी मामलों के मंत्री हर्षवर्धन पाटिल ने इस बात के संकेत दिए हैं कि इस महीने की 29 तारीख को राज्य सरकार एक और कर्ज राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है।
इस पैकेज में उन किसानों को भी शामिल किया जाएगा जिन्हें केंद्र सरकार के 71,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी और राहत पैकेज का फायदा नहीं मिल सका था।
राज्य विधानसभा में चर्चा के दौरान पाटिल ने कहा कि कैबिनेट की बैठक और राज्यपाल का जवाब मिलने के बाद सरकार 29 तारीख को इस बारे में अपना जवाब देगी।
उम्मीद है कि सोमवार को बहस के दौरान सरकार कर्ज माफी पैकेज की घोषणा कर सकती है। राज्य सरकार का कर्ज माफी पैकेज करीब 5,000 करोड़ रुपये का होगा।
राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘हम इस ऋण माफी की घोषणा शीतकालीन सत्र के दौरान करने की योजना बना रहें है। आज सत्र के दौरान राज्य में किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर बहस होगी।’
ध्यान देने लायक बात यह है कि विदर्भ के कपास उत्पादन करने वाले छह जिलों में किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आने के बाद ही केन्द्र सरकार ने ऋण माफी योजना का ऐलान किया था। लेकिन इस क्षेत्र के ज्यादातर किसान केन्द्र सरकार की इस ऋण माफी योजना से लाभान्वित नहीं हो पाए थे।
क्योकि ऋण माफी के अंतर्गत उन्हीं किसानों को सम्मिलित किया गया जिनके पास 5 एकड़ या 2 हेक्टेयर से कम जमीन थी। गौरतलब है कि विदर्भ की ज्यादातर जमीन सूखा ग्रस्त है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से विदर्भ के 45 लाख किसानों में से केवल 45 फीसदी ही ऋण माफी योजना से लाभान्वित हो पाए थे।
किसानों के वोट पाने के लिए पिछले छह महीनें में इन जिलों में शिवसेना और बीजेपी ने सभी किसानों को ऋण से मुक्ती दिलाने के नाम पर सैकड़ों धरना -प्रदर्शन किये है। सरकार के खिलाफ विपक्ष की इस लामबंदी को देखते हुए ही महाराष्ट्र सरकार ने नई ऋण माफी योजना को लाने की तैयारी की है।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की ऋण माफी योजना के आने के बाद कई किसानों ने अपने आप को ठगा हुआ महसूस किया था। क्योकि इनमें से ज्यादातर किसानों ने बैंको की देनदारी को खत्म करने के लिए अपनी संपति और आभूषणों को बेच दिया था।
इसलिए जरुरी है कि सभी किसानों के ऋण को माफ किया जाए। जानकारों का मानना है कि राज्य सरकार की इस ऋण माफी योजना से लगभग 27 करोड़ किसान लाभान्वित हो सकेंगे।