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जरूरी हुआ तो ही उद्योगों के लिए होगा कृषि भूमि का अधिग्रहण

Last Updated- December 07, 2022 | 7:44 AM IST

मध्य प्रदेश में खेती और किसानों को पूर्ण संरक्षण देते हुए उद्योगों को सुविधाएं देने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उद्योग स्थापना के लिए बहुत जरुरी होने पर ही खेती की भूमि अधिग्रहित होगी।


चौहान ने मंत्रालय में किसान मंच की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को अधिग्रहित भूमि का वास्तविक बाजार मूल्य मिलने के बाद ही उनकी जमीन अधिग्रहित होगी। उन्होंने कहा कि जरूरी होगा तो राज्य सरकार स्वयं किसानों की ऐसी भूमि जिसका अधिग्रहण जरूरी होगा, का मूल्य निर्धारित करेगी।

उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर किसानों को अपनी भूमि का वास्तविक बाजार मूल्य प्राप्त हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को राहत देने के साथ ही खेती करने वाले किसानों को लाभदायी बनाने की ईमानदार पहल की गई है। उन्होंने कहा कि खेती के लाभ और उत्पादन बढ़ाने की सभी संभव कोशिशों के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। चौहान ने कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित मध्य प्रदेश में खेती को लाभकारी बनाने की पहल-पर केंद्रित बहुरंगी फोल्डर का भी लोकार्पण किया।

चौहान ने कहा कि किसानों को खाद, बीज, बिजली और सिंचाई की पर्याप्त उपलब्धता के सघन प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीएपी सहित अन्य उर्वरकों को  समय पर आपूर्ति संभव बनाने के लिए 300 करोड रुपये की अग्रिम धनराशि विक्रेता एजेंसियों को मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि किसानों को स्थाई विद्युत कनेक्शन देने के लिए 131 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि स्थाई कनेक्शन के लिए आठ-दस वर्ष पूर्व शुल्क जमा करने वाले किसानों को प्राथमिकता से स्थाई कनेक्शन देने का निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं। चौहान ने कहा कि किसानों के विरूद्ध दर्ज बिजली चोरी संबंधी प्रकरण वापस लिए जाएंगे। इस संबंध में प्रक्रिया तय की जा रही है। उन्होंने कहा कि बिजली बिलों की राशि जमा करने वाले किसानों को भी बकाया बिजली बिलों की राशि में 50 फीसदी छूट की योजना का लाभ मिलेगा।

ऐसे किसानों की जमा की गई 50 फीसदी राशि अगले बिलों के विरूद्ध समायोजित की जाएगी। घरेलू बिजली और सिंचाई के लिए बिजली प्रदाय  के लिए फीडर सेपरेशन का कार्य भी किया जाएगा। इसके लिए 130 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई संबंधी निर्माण कार्यों को यथासंभव पलेवा के पहले पूरे करने के निर्देश जारी किए जाएंगे। उन्होंने गांवों के मास्टर प्लान बनाने की योजना भी शीघ्र लागू किए जाने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

First Published - June 26, 2008 | 10:21 PM IST

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