पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली नई सरकार के मंत्रिमंडल के कम से कम 43 सदस्यों को सोमवार को राजभवन में एक संक्षिप्त समारोह में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक संक्षिप्त समारोह में मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। अमित मित्रा, सुब्रत मुखर्जी, फरहाद हकीम और पार्थ चटर्जी समेत पिछली ममता बनर्जी सरकार के सभी वरिष्ठ मंत्रियों को फिर से मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
तृणमूल कांग्रेस के अमित मित्रा, व्रत्य बसु और रथिन घोष को डिजिटल तरीके से शपथ दिलाई गई। मित्रा इस समय अस्वस्थ हैं और बसु तथा घोष कोविड-19 से उबर रहे हैं। आज जिन्हें शपथ दिलाई गई, उनमें 24 कैबिनेट मंत्री एवं 10 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। आठ महिलाएं भी मंत्रिमंडल में शामिल की गई हैं तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मिलाकर अब मंत्रिमंडल में नौ महिलाएं हैं।
राज्य सचिवालय में सरकार की पहली मंत्रिमंडलीय बैठक में मंत्रियों के विभाग तय किए गए। मुख्यमंत्री ने गृह, पहाड़ी विषय, कार्मिक एवं प्रशासन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, भूमि एवं भू-सुधार, शरणार्थी एवं पुनर्वास तथा सूचना एवं संस्कृति विषय तथा उत्तर बंगाल विकास विभाग अपने पास रखे हैं।
क्रिकेट से राजनीति में आए मनोज तिवारी, शुभेंदु अधिकारी के विरोधी अखिल गिरि एवं पूर्व आईपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर मंत्रिमंडल में शामिल किए गए 16 नए चेहरों में शामिल हैं। वैसे ज्यादातर मंत्रियों को अपने पुराने विभाग मिले हैं लेकिन पार्थ चटर्जी को उद्योग, वाणिज्य एवं उपक्रम तथा सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रोनिक्स तथा संसदीय कार्य विभाग सौंपे गए। ब्रत्य बसु को शिक्षा मंत्री बनाया गया है जो पहले चटर्जी के पास था। मोहम्मद गुलाम अब नए अल्पसंख्यक कार्य एवं मदरसा शिक्षा मंत्री हैं। शोभनदेव चट्टोपाध्याय को कृषि विभाग सौंपा गया है जबकि अरूप विश्वास खेल मंत्री बने रहेंगे और उनके पास विद्युत विभाग भी होगा। पिछले ममता बनर्जी मंत्रिमंडल में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रही ज्योति प्रियो मलिक को अब वन मंत्री बनाया गया है जबकि नए चेहरे रतिन घोष को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग दिया गया है। मलिक के पास अनवीकरणीय एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग भी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने बाद में घोषणा की कि निर्मल घोष एवं तापस राय विधानसभा में पार्टी के सचेतक और उपसचेतक होंगे।