ऊर्जा और दूरसंचार नियामक संस्थाओं के बाद अब उत्तर प्रदेश में परिवहन क्षेत्र के लिए नियामक आयोग को गठित करने का निर्णय ले लिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश परिवहन नियामक कमीशन (यूपीटीआरसी) के गठन को सैद्धांन्तिक तौर पर मंजूरी प्रदान कर दी है। इस कमीशन को अस्तित्व में लाने के लिए विधानसभा में एक कानून बनाने का मन बनाया है। इसके अलावा इस मसौदा कानून को कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखा जाना बाकी है।
यूपीटीआरसी में पांच सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। इस कमीशन का अध्यक्ष एक सेवानिवृत प्रशासनिक अधिकारी को बनाया जाएगा। इसके अलावा इस कमीशन के बाकी सदस्य बस आपरेशन, स्टेशन प्रंबधन, वित्त और कानूनी मुद्दों के विशेषज्ञ होंगे।
इस बारे में डी डी वर्मा ने कहा कि यूपीटीआरसी का मुख्य लक्ष्य उन ग्रामीण इलाकों में निजी परिवहन सेवाओं को पहुंचाना होगा। जो निजी बस आपरेटरों के लिए खासी कमाई वाले नहीं होते है। इसके लिए एक नियामक कमीशन के आफिस में एक जीपीएस नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा।
इस क्षेत्र में नियामक संस्था के गठन के बाद बड़े निवेशकों द्वारा इस इंडस्ट्री में निवेश करना आसान हो जाएगा। इस नियामक कमीशन के गठन के बाद राज्य के 460 रुटों से यूपीएसआरटीसी का नियंत्रण खत्म हो जाएगा।