टॉलीवुड (बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री) के लिए साल 2008 काफी अच्छा- खासा रहा है। इस साल जहां लगभग 30 बांग्ला फिल्मों ने अपना खाता खोला, वहीं इन फिल्मों के बजट की रेंज भी 50 लाख से 11 करोड़ रुपये तक रही है।
इस दौरान बॉडीवुड के सितारों प्रीटी जिंटा, अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान और अर्जुन रामपाल की फिल्मों से अच्छी कर्माई की। अमिताभ द्वारा अभिनीत और रितुपर्णं घोष द्वारा निर्देशित फिल्म ‘दि लास्ट लियर’ को काफी सराहना मिली।
प्रॉडक्शन हाउसों ने भी फिल्मों की मार्केटिंग और वितरण में कोताही न बरतते हुए जी भर के पैसा बहाया है। कुछ फिल्मों ने तो अपनी वेबसाइट भी लॉन्च कर दी। इनमें इस साल की सबसे मंहगी बांग्ला फिल्म ‘भालोभाषा-भालोभाषा’ भी शामिल है।
टॉलीवुड का अगला कदम अब अपने आपको चमकाने का है। इसलिए लगभग चार बांग्ला फिल्मों की शूटिंग सिंगापुर, बर्लिन और आस्ट्रिया जैसे विदेशी लोकेशन में होनी तय हुई है।
टॉलीवुड के प्रॉडक्शन हाउस जैसे निशपाल फिल्म्स, मोक्सी एंटरटेनमेंट, टी सरकार प्रॉडक्शन और मुंबई मंत्रा भी विदेशी लोकेशनों के कारण युवा वर्ग से जुड़ी हुई फिल्मों पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं।
इस साल की सबसे मंहगी फिल्म और अशोक धानुक प्रॉडक्शन की फिल्म ‘भालोभाषा-भालोभाषा’ अक्टूबर में प्रदर्शित हुई थी। इस बाबत धानुक का कहना है कि पहले सप्ताह में फिल्म का प्रदर्शन अतुलनीय रहा था। हमारे खर्च किए हुए 3 करोड़ रुपये पहले सप्ताह में ही वसूल हो गये थे।
हालांकि साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म श्री वेंकटेश फिल्म के प्रॉडक्शन हाउस की ‘चिरोदिनी तुमी जे अमार’ रही थी। फिल्म की सफलता के पीछे सशक्त विपणन नीति की अहम भूमिका थी।
इस फिल्म का बजट लगभग 1.5 करोड़ रुपये था। फिल्म के प्रदर्शन के पहले सप्ताह में थियेटरों में दर्शकों की भीड़ लगभग 55 फीसदी रही थी।
श्री वेंकटेश फिल्म के महेन्द्र सोनी का कहना है कि इस फिल्म के निर्माण में हमने 1.5 करोड़ रुपये निवेश किए थे, जिसे हमने 8 सप्ताह के भीतर ही वसूल लिया था। इस फिल्म से अभी तक हम 2 करोड़ रुपये की कमाई कर चुके है।
बांग्ला फिल्म ‘तित्रांतर जिशू’ ने तो रब ने बना दी जोड़ी को भी टक्कर दी है। रब ने बना दी जोड़ी ने दो सप्ताह के प्रदर्शन में लगभग 2 करोड़ रुपये की कमाई की। जबकि 29 प्रिंट के साथ प्रदर्शित हुई तित्रोतर जिशू ने भी 1-2 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है।