आइए भारत के गांवों की सैर पर चलते हैं। राम सजीवन सुबह-सुबह चाय की चुस्कियों के साथ इंटरनेट पर अपनी फसल के ताजा भाव पता कर रहे हैं और लाल जी इंतजार कर रहे हैं कि कब कम्प्यूटर खाली हो और वे इंटरनेट से रेलवे का आरक्षण कर सकें।
किसी सुनहरे सपने जैसा लगाता है न ये सब। लेकिन गुजरात सरकार की एक योजना सफल हुई तो यह सपना हकीकत में बदल सकता है।गुजरात में ज्योतिग्राम योजना के जरिए हर गांव में बिजली और उसके साथ ही टेलीविजन पहुंच चुके हैं। अब वे जल्द ही नेट के आदी होने जा रहे हैं।
राज्य सरकार ने 13,693 गांवों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन मुहैया कराने की योजना बनाई है। राज्य के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात दिवस के मौके पर राज्य के अमरेली जिले की सभी 590 ग्राम पंचायतों में ‘ई-ग्राम’ परियोजना शुरू करने का फैसला किया है। इस पहल का उल्लेख करते हुए मोदी ने दावा किया कि यह समूची एशिया में ई-प्रशासन पहल के तहत अपनी तरह की सबसे बड़ी और सबसे तेज परियोजना है।
राज्य सरकार ने हाल में गुजरात के सभी गांवों में 24 घंटे बिजली पहुंचाने के लिए शुरू की गई परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया है।इस परियोजना को तीन चरणों में लागू किया गया। अब सभी गांवों तक ई-संपर्क को स्थापित करने की महत्वाकांक्षी परियोजना को हाथ में लिया गया है। इस परियोजना के जरिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को को एक ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन दिया जाएगा। इन ग्राम पंचायतों में वीडियो कॉनफ्रेंसिंग और ब्रॉडकॉस्ट सेवा भी उपलब्ध होगी।
इन पंचायतों में कृषि, स्वास्थ्य, रोजगार और शिक्षा से जुड़ी सभी तरह की जानकारियां ली जा सकती हैं। किसान संबंधित जिला पंचायतों से भूअभिलेख भी हासिल कर सकेंगे। इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने भारती एयरटेल के साथ समझौता किया है।
भारती राज्य के 13,693 गांवों में वीसैट लगाएगी जिसकी स्पीड 256 केबीपीएस होगी। इसके साथ ही 6,020 गांवों में सामुदायिक सुविधा केन्द्र की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र की तीन कंपनियों सीएमएस, रिलायंस कम्युनिकेशंस और थ्रीआई इंफोटेक का चयन किया गया है।
भारतीय एयरटेल सरकार से समुदाय (जीटूसी) सेवा मुहैया कराएगी। इन सेवाओं में राजस्व के आंकड़े, रेल बुकिंग और टेलीफोन तथा बिजली के बिलों का भुगतान शामिल है। ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए राज्य सरकार 7,400 ग्राम पंचायत में क्यू-बैंड डिश एंटीना और डीडीआरएस सेट की स्थापना कर रही है। इसके लिए 60 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
भारती एयरटेल के मुख्य परिचालन अधिकारी शर्लिन थविल ने बताया कि इस परियोजना के तहत गांवों को कनेक्टिविटी मुहैया कराने के लिए इस्राइल की कंपनी जिलेट नेटवर्क सिस्टम्स ने 13,000 स्काईएज आईपी वीसेट मुहैया कराए हैं। भारती एयरटेल पांच वर्षो के लिए इंटरनेट की सेवा मुहैया कराएगी। इसके लिए कंपनी को 76.47 करोड़ रुपये मिलेंगे जबकि अन्य परिचालकों को बीटूसी सेवा मुहैया कराने के लिए प्रति वर्ष कुल 14.12 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।