मध्य प्रदेश के देवास इलाके में स्थित वाटर पंप बनाने वाली कंपनी मंगला इंटरप्राइजेज प्रा. (लि.) कुछ समय पहले तक तेजी से विकास कर रही थी।
लेकिन मंदी की आग कुछ इस कदर भड़की कि अब ऑर्डर के लिए खरीदारों का मुंह ताकना पड़ रहा है। कंपनी के मालिक गिरीश मंगला कहते हैं कि इतना बुरा वक्त मैंने कभी नहीं देखा।
मौजूदा हालात से वे परेशान तो हैं, लेकिन उन्हें यकीन है कि वक्त रहते सब ठीक हो जाएगा और एक बार फिर कारोबार पटरी पर आ जाएगी।
गिरीश ने बताया कि किर्लोस्कर और उषा ने भी अपने ऑर्डर में करीब 70 फीसदी की कटौती कर दी है, जो हमारे मुख्य खरीदार हैं। मंगला पहले किर्लोस्कर में ही काम करते थे, लेकिन 1991 में उन्होंने अपनी इकाई स्थापित की।
मंगला का कहना है कि कच्चे माल की कीमतों में 50 फीसदी की कमी आ चुकी है, बावजूद इसके वितरक और रिटेलर नया माल खरीदने को तैयार नहीं हैं। क्योंकि अब तक पुराना माल ही वे बेच नहीं पाए हैं, जबकि खरीदार सस्ते पंप की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि धातुओं की कीमतों में इतना उतार-चढ़ाव कभी नहीं होता था। ऐसे में हम उत्पाद की कीमतों में ज्यादा कटौती नहीं कर सकते।
कंपनी लागत कम करने के लिए अपने खर्चों में कटौती कर रही है, वहीं उत्पादन के दौरान बेकार होने वाले पदार्थों की मात्रा को भी कम से कम करने की जुगत में हैं।
खास बात यह कि मांग में आई गिरावट के बावजूद मंगला ने अब तक एक भी कर्मचारिय की छंटनी नहीं की है। कंपनी में करीब 80 कर्मचारी काम करते हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों से आयात पर प्रवेश शुल्क के कारण भी लागत बढ़ जाती है।