facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

मंत्रिमंडल विस्तार से बढ़ेंगी गहलोत की मुश्किलें?

Last Updated- December 15, 2022 | 3:19 AM IST

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल करना पड़ सकता है। राज्य के एक मंत्री अस्पताल में कोमा में हैं जबकि एक अन्य मंत्री को हाल ही में राजस्थान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। मंत्रिमडंल विस्तार के लिए गहलोत पर न केवल मंत्रिपरिषद की रिक्तियों को भरने की जिम्मेदारी है बल्कि उन्हें ‘बागियों’ को भी समायोजित करना है।
गहलोत के मंत्रिमंडल में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 30 हो सकती है। अभी उनके पास 22 मंत्री हैं और इनमें से भंवरलाल मेघवाल गंभीर रूप से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। गोविंद सिंह डोटासरा को राजस्थान में कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा समेत तीन अन्य मंत्रियों को बर्खास्त किया गया है।
पायलट खेमे के लोगों को उम्मीद है कि उनमें से कुछ को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जाएगा। हालांकि सचिन कथित तौर पर अपने लिए कोई पद नहीं चाहते हैं, जिन्होंने एक सप्ताह पहले यह घोषणा की थी कि वह सरकार में वापस लौटने के लिए कोई शर्त नहीं रख रहे हैं। लेकिन वह अपने समर्थकों के लिए पद चाहते हैं। उनकी पहली पसंद उनके दो सबसे वफादार समर्थक विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा हैं जिन्हें उनका साथ देने वाले कांग्रेस के दो अन्य वरिष्ठ नेताओं हेमाराम चौधरी और दीपेंद्र शेखावत के साथ-साथ कैबिनेट मंत्री पद के लिए आगे किया जा रहा। सचिन राज्य मंत्री के दो पद भी चाहेंगे। हालांकि सचिन की इस कवायद को गहलोत अपने समर्थकों के बीच पैठ बनाने वाले कदम के तौर पर देखेंगे लेकिन अगर आलाकमान जोर देगा तो उन्हें ऐसा करना भी पड़ेगा। लेकिन गहलोत की भी अपनी राजनीतिक मजबूरियां हैं। उन्हें संयम लोढ़ा जैसे निर्दलीय विधायकों को भी पुरस्कृत करना होगा जो हाल के संकट के दौरान उनके साथ पूरी वफादारी से खड़े थे।

First Published - August 18, 2020 | 11:45 PM IST

संबंधित पोस्ट