राज्य के सरकारी कार्यालयों, निगम और बोर्ड में लगे इनकांडिसेंट बल्बों को कॉम्पेक्ट फ्लोरोसेंट लाइटिंग (सीएफएल) बल्बों से बदला जाएगा।
ऐसा करके छत्तीसगढ़ राज्य में सरकारी कार्यालयों में उपयोग होने वाली बिजली की खपत कम होगी। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि राज्य के सार्वजनिक प्रंबधन विभाग ने सरकारी कार्यालयों, निगमों और गठित बोर्ड कार्यलयों में सीएफएल बल्बों को अनिवार्य तौर पर लगाने का आदेश दिया है।
अधिकारियों का कहना है क्योंकि सीएफएल बल्ब की क्षमता इनकांडिसेंट बल्ब से दस गुनी होती है। राज्य में इनकंडिसेंट बल्ब के प्रयोग पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया गया है। इस आदेश को राज्य भवन ने राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों, दफ्तरों, बोर्ड और निगमों में भेज दिया गया है। इसके अलावा राज्य की नगरीय इकाइयों को भी अपने कार्यालयों के साथ-साथ स्ट्रीट लाइटों, सार्वजनिक जगहों और पार्को में सीएफएल बल्बों को लगाने का आदेश दिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि नगरीय इकाइयों को बिजली की आवश्यकता पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का प्रयोग करने का निर्देश दिया गया है। राज्य में बिजली की बचत के लिए इस तरह की नीति अपनाने के पीछ्रे राज्य को 2011 तक देश का बिजली केंद्र बनाने का लक्ष्य है। राज्य में बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए निवेश हेतु छत्तीसगढ़ सरकार ने लगभग 50 कंपनियों से समझौता किया है।
राज्य में 2011 तक 42 हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली के उत्पादन का लक्ष्य है। एक ताजा सर्वेक्षण के आधार पर राज्य में कोयले का लगभग 350 हजार लाख टन कोयले का भंडार है जिससे अगले सौ सालों में 1 लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।