facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

भारत की सुरक्षा, क्षेत्रीय अखंडता को खुलेआम चुनौती दे रहा है चीन, सरकार ‘मूकदर्शक’: खरगे

Last Updated- December 13, 2022 | 3:36 PM IST

भारत की सुरक्षा, क्षेत्रीय अखंडता को खुलेआम चुनौती दे रहा है चीन, सरकार ‘मूकदर्शक’: खरगे
PTI / नयी दिल्ली  December 13, 2022

13 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि चीन के अतिक्रमण से भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को खुलेआम चुनौती दी जा रही है क्योंकि केंद्र सरकार ‘‘मूकदर्शक’’ बनी हुई है।

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा कराने की मांग को लेकर अपनी बात रखते हुए उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने यह दावा किया।

उन्होंने यह भी कहा कि चीन जनवरी, 2020 में दिए गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान की आड़ ले रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘किसी ने भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया है या हमारी किसी भी जमीन पर कब्जा नहीं किया है।’’

खरगे ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है और वह चाहते हैं कि आज के कामकाज को स्थगित कर इस मुद्दे पर चर्चा की जाए।

इस नोटिस को पढ़ते हुए विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को चीन के खुलेआम उल्लंघनों द्वारा प्रभावित किया जा रहा है, क्योंकि सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। लद्दाख के गलवान घाटी में हमारे सशस्त्र बलों की वीरता जगजाहिर है।’’

खरगे ने दावा किया कि देपसांग में वाई जंक्शन तक अवैध और अकारण चीनी अतिक्रमण आज तक जारी है तथा पूर्वी लद्दाख के गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में चीनी अतिक्रमण की स्थिति भी ऐसी ही है।

उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, पीएलए के डिवीजनल मुख्यालय, तोपखाने के लिए हथियार आश्रय, विमान-रोधी बंदूकें और बख्तरबंद वाहक सहित पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र के बगल में चीनी निर्माण की हमारी सरकार द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि इनके अलावा भी चीन सीमापर पर अन्य निर्माण कार्य कर रहा है।

खरगे ने कहा, ‘‘अप्रैल 2020 तक यथास्थिति सुनिश्चित करने की हमारी मांग के बावजूद, चीन ने हमारे क्षेत्र को खाली करने से इनकार कर दिया है और जानबूझकर हमारे प्रधानमंत्री के उस बयान की आड़ ले रहा है, जिसमें कहा गया था, ‘किसी ने भी हमारे क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया है या हमारे किसी भी क्षेत्र पर कब्जा नहीं किया है’।’’

उन्होंने कहा कि यहां तक कि हमारे क्षेत्र से पीछे हटने के लिए चीन के साथ चल रही बातचीत में भी गतिरोध बना हुआ है और कोई नई तारीख तय नहीं की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन सबके बीच, चीन द्वारा एलएसी के पार तवांग सेक्टर में हमारे क्षेत्र में घुसपैठ के अकारण प्रयास की खबरें और चिंताएं पैदा करती हैं।’’

खरगे ने कहा कि डोकलाम क्षेत्र से भी चीनी अतिक्रमण की इसी तरह की अपुष्ट खबरें आ रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह भी सर्वविदित है कि जून 2017 में डोकलाम गतिरोध के बाद चीन ने बारहमासी सड़कों और बंकरों का निर्माण किया है, जो ‘चिकन्स नेक’ सेक्टर में हमारी सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि चीनी अतिक्रमणों और उसकी अवैध गतिविधियों पर सदन में तत्काल चर्चा की मांग करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सरकार को हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए बढ़ते चीनी खतरे के बारे में देश को अवगत कराना चाहिए।’’

उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना ने सोमवार को बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिसमें ‘‘दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गए।’’

पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को इस संवेदनशील सेक्टर (तवांग) में एलएसी पर यांग्त्से के पास झड़प हुई।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र माधव

First Published - December 13, 2022 | 10:06 AM IST

संबंधित पोस्ट