सड़क के किनारे आप पानी की बोतल खरीदते हैं। अचानक आपकी नजर दुकान पर टंगे चिप्स के पैकेट पर पड़ती है और आप उसे भी खरीद लेते हैं।
आप लगे हाथों अपना मोबाइल भी रिचार्ज करते हैं और तभी आपको ध्यान आता है कि आप किस प्रोविजन स्टोर पर नहीं बल्कि पान की दुकान पर खड़े हैं। समय बदलने के साथ ही आपकी जानीपहचानी पान की दुकान के रंग ढंग भी बदल रहे हैं। यहां आपको कई तरह की उपभोक्ता वस्तुएं और सेवाएं मिल जाएंगी।
आज नुक्कड़ वाली पान की दुकान पर री-चार्ज कूपन, स्टेशनरी, इलेक्ट्रानिक वस्तुएं और खानपान का समान मिल जाएगा। नवाबों की नगरी लखनऊ के आसपास नजर डालिए। पानी की दुकानों पर नवाबी पान के अलावा रोजमर्रे की जरुरतों की सभी वस्तुएं मिल जाएंगी। शहर के व्यस्तम इलाके जनपथ बाजार में पान की दुकान चलाने वाले दशरथ चौरसिया ने बताया कि आज सिर्फ पान बेचना मुनाफे का सौदा नहीं रह गया है।
युवाओं के बीच पान की लोकप्रियता घटी है। इसलिए आज आपको चौरसिया पान भंडार में पान मसाल और सिगरेट के अलावा री-चार्ज कूपन, कॉपी, पेन, कोल्ड ड्रिंक और स्नैक्स मिल जाएंगे। उन्होंने बताया कि पान की दुकान में इस तरह के बदलाव 15 साल पहले शुरू हो गए थे। इतना ही नहीं पान वालों ने पीसीओ की शुरूआत भी कर दी है। उन्होंने बताया कि दुकान में पीसीओ लगाने के बाद आय बढ़ी है। पान की दुकान कई प्रमुख ब्रांडों की बिक्री के प्रमुख केन्द्र बन गए हैं।