उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए घोषणा पत्र तैयार करने से पहले कांग्रेस दस लाख लोगों से राय मशविरा करेगी। इस बार पार्टी विधानसभा चुनावों के छह महीने पहले ही अपना घोषणा पत्र पेश कर देगी। घोषणा पत्र तैयार करने की कवायद इस साल जनवरी से ही शुरू कर दी गई थी। इसके तहत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कानपुर में चार दर्जन से ज्यादा जन संगठनों के लोगों से मुलाकात और चर्चा कर उनकी अपेक्षा जानी थी।
यूपी कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इस बार चुनाव घोषणा पत्र पार्टी के वादे, दावे का दस्तावेज न होकर, जनता की राय व मांग के मुताबिक तैयार किया जाएगा। कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र को तैयार करने से पहले दस लाख लोगों से उनकी राय, मांग व अपेक्षाएं जानी जाएंगी। जिनमें अलग-अलग आयु वर्ग के, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, कामगार, किसान, महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक, छात्र, दिव्यांग, खिलाड़ी, व्यापारी, दिहाड़ी मजदूर, पटरी दुकानदार, पेंशनर, खेत मजदूर और अन्य वर्गों के लोग शामिल होंगे।
पार्टी की तैयारी घोषणा पत्र की पूरी प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण की है। इसके तहत किसी कमरे में बैठकर नहीं, बल्कि जनता के बीच जमीन पर जाकर हितधारकों से बात करने के बाद घोषणा पत्र तैयार किया जाएगा। छह महीने पहले जारी होने वाले घोषणा पत्र में हालांकि इस बात की भी गुंजाइश रखी जाएगी कि चुनाव के समय सामने आने वाले किसी महत्तभवपूर्ण विषय या समस्या को उसमें शामिल किया जा सके। घोषणा पत्र तैयार करने से पहले विचार विमर्श की प्रक्रिया में प्रदेश के सभी जिलों के लोगों को शामिल किया जाएगा और हर जिले में भी हर वर्ग के लोगों से संपर्क साधा जाएगा।
सोमवार को ही कांग्रेस ने यूपी के लिए मेनिफेस्टो कमेटी के गठन का एलान किया है। इस चुनाव घोषणा पत्र समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, पीएल पुनिया, कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना, पूर्व विधायक विवेक बंसल, सुप्रिया श्रीनेत व अमिताभ दुबे को शामिल किया गया है। जहां यह समिति घोषणा पत्र का प्रारुप तैयार करेगी और उसे अंतिम रुप देगी, वहीं बड़ी तादाद में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं व नेताओं को जनता से विचार विमर्थ करने व उनका अपेक्षाएं जानने के काम में लगाया जाएगा।