अडानी समूह की महाराष्ट्र के विदर्भ में बिजली संयंत्र लगाने की परियोजना विवाद में घिर गई है। पर्यावरणविदों को टडोबा टाइगर रिजर्व के पास बिजली संयंत्र लगाने पर आपत्ति है।
यह रिजर्व लगभग 50 चीतों का पर्यावास है। पर्यावरणविदों का कहना है कि संयंत्र लगने से इस क्षेत्र में खुदाई होगी, जिससे चीतों को नुकसान पहुंचेगा। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए 9 सदस्यों की एक समिति बनाई है। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही इस परियोजना के भविष्य पर कोई फैसला होगा।
अडानी समूह पूर्वी विदर्भ के गोंडिया जिले में लगभग 1980 मेगावाट की बिजली परियोजना लगाने के लिए टडोबा टाइगर रिजर्व के पास लगभग 1750 एकड़ भूमि पर खनन करने के अधिकार खरीद चुका है। लेकिन अब समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर कोई फैसला हो पाएगा।
पर्यावरणविदों का कहना है कि खनन के लिए कंपनी को जो 1700 एकड़ भूमि दी गई है, उस पर इन चीतों का काफी आना जाना है। लेकिन अगर खनन के लिए यह जमीन कंपनी को सौंप दी जाती है तो कंपनी रोजाना लगभग 50 टन विस्फोटक पदार्थों का इस्तेमाल करेगी। उनसे इस रिजर्व में रहने वाले चीतों को नुकसान पहुंचने की आशंका है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व एवं वन) जे पर डांगे ने बताया कि हालांकि सरकार ने जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की है। लेकिन क्योंकि मामला बिजली परियोजना से जुड़ा हुआ है इसीलिए जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।