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कपास की कीमतों में गिरावट शुरू

Last Updated- December 07, 2022 | 11:02 AM IST

कपास पर आयात शुल्क में कटौती की घोषणा के बाद से गुजरात के बाजारों में कपास की कीमतें घटी हैं। इस साल कपास की कीमतें रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थीं।


गुजरात में बीटी कॉटन की किस्म संकर-6 की कीमतों में प्रति कैंडी 200 रुपये से 300 रुपये तक की कमी हुई है। गुजरात में कारोबारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में कपास की कीमतों में 1,000 रुपये से 1,500 रुपये प्रति कैंडी तक की गिरावट देखी जा सकती है।

केन्द्रीय गुजरात कपास डीलर्स एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष किशोर शाह ने बताया कि ‘आयात शुल्क में कमी के बाद कीमतें 27,800 रुपये प्रति कैंडी से घटकर 27,500 रुपये प्रति कैंडी के स्तर पर आ चुकी हैं। इस समय बाजार में केवल 3 लाख बेल का स्टॉक है और बाजार में तीन महीने बाद ही नई आवक शुरू हो सकेगी।’

अहमदाबाद स्थित शीर्ष कापस ट्रेडिंग फर्म अरुण दयाल एंड कंपनी के मालिक अरुण दयाल ने बताया कि ‘आने वाले दिनों में कीमतों में 1,000 रुपये से 1,500 रुपये प्रति कैंडी तक की गिरावट आने की उम्मीद है।’ इस बीच खबर आई है कि दक्षिण भारत की कुछ कपड़ा मिलों ने 10,000 से 12,000 टन कच्चे कपास के आयात के लिए सौदा किया है। गुजरात स्थित कुछ मिलों ने भी कपास का आयात शुरू कर दिया है।

मिल डिलीवरी के लिए 26,500 रुपये से 27,000 रुपये प्रति कैंडी की दर से सौंदे किए जा रहे हैं। आयात शुल्क में कटौती से कपास का आयात  6.5 लाख गांठ से बढ़करर 16 लाख गांठ हो सकता है। कुछ कंपनियों ने पाकिस्तान से कपास आयात करने के लिए सौदे किए हैं। इन मिलों ने 24,000 रुपये से 24,500 रुपये प्रति कैंडी की दर से पाकिस्तान से कंटेनर बुक किए हैं। इन कैंडी की आपूर्ति बंदरगाहों के जरिए की जाएगी।

आयात बढ़ा तो घटने लगी कीमतें

संकर-6 की कीमत 300 रुपये प्रति कैंडी तक घटी
कपास की कीमतों में प्रति कैंडी 1,500 रु तक कमी की उम्म
पाकिस्तान से कपास आयात करने के लिए सौदे शुरू
आयात 6.5 लाख से बढ़कर 16 लाख गांठ होने का अनुमान

सिरसा में कपास का रिकार्ड उत्पादन

हरियाणा के सिरसा में इस साल कपास का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है। जिले में इस साल 1.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में कपास बोया गया है। राज्य के कृषि विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि किसानों को कपास की खेती के बारे में शिक्षित करने के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। संगोष्ठी में केन्द्रीय कपास शोध केन्द्र और हरियाणा के कृषि विभाग के विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कीटनाशकों के 13 नमूने, विभिन्न किस्मों के बीजों के 107 नमूने और खाद की करीब 90 किस्मों को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है। इससे किसानों को उचित मात्रा में बीज और कीटनाशक का इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी।

First Published - July 14, 2008 | 10:37 PM IST

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