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कच्चे तेल की आग अब प्लास्टिक उत्पादों में भी लगी

Last Updated- December 07, 2022 | 10:00 AM IST

कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी के बाद क्षेत्रीय स्तर के प्लास्टिक उत्पाद निर्माताओं के लिए खतरे की घंटी बज गई है।


प्लास्टिक और इंजीनियरिंग उत्पादों के कच्चे माल की कीमतें 30 से 35 फीसदी बढ़ जाने के कारण इनकी बिक्री में 20 से 25 फीसदी की गिरावट आ गई है।

क्षेत्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर घरेलू प्लास्टिक उत्पाद बेचने वाली कंपनी शिवा पोलीप्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सत्य प्रकाश गुप्ता ने बिजनेंस स्टैंडर्ड को बताया कि कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद उनके कारोबार में गिरावट आ रही है, क्योंकि तेल की कीमतें बढ़ने के बाद उन्हें अपने उत्पादों की कीमतें 15 से 20 फीसदी बढ़ानी पड़ रही है। प्लास्टिक का दाम  80 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 110 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है।

यही नहीं क्षेत्रीय कारोबारियों और खुदरा व्यापारियों का मानना है कि प्लास्टिक उत्पादों के लिए प्रयोग होने वाली प्रोपेलिन की कीमत दो महीने पहले 78 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब बढ़कर 107 रुपये प्रतिकिलोग्राम हो गई है। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमत 142 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने के बाद नेफ्था की कीमत पिछले महीने 1087 प्रति टन हो गई थी। पिछले बजट में वित्त मंत्रालय ने नेफ्था की कीमतों में 5 फीसदी सीमा शुल्क भी लगा दिया। इसके कारण इसकी कीमतों में और बढ़ोतरी हो गई है।

 गुप्ता का कहना है कि प्लास्टिक उद्योग में मुख्य उत्पाद के तौर पर प्रयोग होने वाले नेफ्था का उत्पादन रिलायंस कंपनी कच्चे तेल से निकाल कर  करती है। लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद रिलायंस ने इसकी आपूर्ति में रोक लगा दी है। इसके कारण छोटे उद्यमियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। छोटे उद्यमियों का कहना है कि इस समय तो या हमें अपने मुनाफे में कमी करनी पड़ेगी। या इसे उपभोक्ताओं के ऊपर लादना पड़ेगा। दूसरे प्लास्टिक विक्रेता राकेश गुप्ता का कहना है कि रुपये का अवमूल्यन होने से विदेशों को होने वाले निर्यात में भी हमें काफी घाटा उठाना पड़ रहा है।

इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्माण करने वाले एक अन्य कारोबारी सुनील वैश्य का कहना है कि इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्माण में हाई ग्रेड के प्लास्टिक के प्रयोग होने के कारण इसकी कीमत में भी 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। इस समय कानपुर में 100 से ज्यादा प्लास्टिक उत्पादों का निर्माण करने वाली सौ से ज्यादा छोटी और मझोली इकाइयां है।

कीमतों में अंतर

                      मई                जुलाई 
कुर्सी          220-240           275-310
ड्रम           150-400          200-540
बाल्टी    25 और ऊपर   35 और ऊपर         
(कीमतें रुपये में)

First Published - July 8, 2008 | 10:42 PM IST

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