उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब पर्यटन विभाग के गेस्ट हाउसों, मोटलों के अलावा सिंचाई व लोक निर्माण विभाग के डाक बंगलों को भी निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) मॉडल के तहत लीज पर देगी।
बीते कई सालों से पर्यटन विभाग के घाटे में चल रहे गेस्ट हाउस, मोटलों व होटलों को निजी हाथों में देने की असफल कवायद कर चुकी उत्तर प्रदेश की सरकार ने इस बार इसे प्राथमिकता देने का फैसला किया है। योगी सरकार के नए कार्यकाल के पहले 100 दिनों में पूरे किए जाने वाले कामों की सूची में इसे शामिल किया गया है।
पर्यटन विभाग ने अपने 30 होटलों को अब पीपीपी माडल पर चलाने की योजना बनाई है। इस बार योजना की सफलता के लिए पर्यटन विभाग के घाटे में चल रहे होटलों के साथ ही सिंचाई व लोक निर्माण विभाग के कम चलने वाले गेस्ट हाउसों को भी इसमें शामिल किया गया है।
योगी सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर ने इसके लिए आदेश जारी कर कहा है कि ज्यादातर सरकारी होटल और गेस्ट हाउस अभी घाटे में चल रहे हैं, ऐसे में सरकार की कोशिश है कि इन्हें फायदे का बनाया जाए। निजी क्षेत्र को लीज पर देने के बाद भी संपत्ति सरकार की बनी रहेगी। इससे सरकार को पैसा भी मिलेगा और लोगों को सुविधाएं अच्छी मिलेगी।
सरकार का प्रयास है कि पर्यटन विभाग के साथ लोक निर्माण विभाग के भी गेस्ट हाउस को पीपीपी मॉडल पर भी संचालित किया जाए। इससे विभाग को भी आमदनी होगी जो दूसरे काम में लगाई जा सकती है। पर्यटन मंत्री के आदेशों के मुताबिक 30 होटलों के अलावा अन्य सरकारी विभागों के गेस्ट हाउसों को भी संचालन के लिए पीपीपी माडल पर दिया जाएगा।
इन सरकारी विभागों में सिचाई व लोक निर्माण प्रमुख हैं पर इसमें अन्य को भी शामिल किया जा सकता है। फिलहाल इस योजना में घाटे में चल रहे या कम उपयोगी गेस्ट हाउसों को ही शामिल किया जाएगा।
इसके साथ ही पर्यटन विभाग ने उत्तर प्रदेश के दर्शनीय स्थानों को देखने आने वालों की सुविधा के लिए विभिन्न शहरों में हेलीपोर्ट के संचालन का भी फैसला किया है। सबसे पहले आगरा में हेलीपोर्ट बनाया जाएगा।
आगरा में छत्रपति शिवाजी महराज संग्रहालय परिसर में हेलीपोर्ट बनाया जाएगा। राजधानी लखनऊ में शहीद पथ में स्थित मानसरोवर लखनऊ संग्रहालय से भी हेलीपोर्ट का संचालन शुरू किया जाएगा। इसी तर्ज पर मथुरा और प्रयागराज में भी हेलीपोर्ट बनाकर पर्यटकों को हेलीकाप्टर से भ्रमण की सुविधा दी जाएगी।