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यूनियन कार्बाइड के कचरे पर फैसला आज

Last Updated- December 07, 2022 | 8:45 AM IST

भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के परिसर में पिछले 21 साल से पड़े जहरीले कचरे के निस्तारण पर छाए अनिश्चितता के बादल गुरुवार को जबलपुर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद छंट सकते हैं।


इस कचरे को गुजरात स्थित अंकलेश्वर में नष्ट किया जाना था हालांकि केन्द्र सरकार के निर्देशों के बावजूद गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस जहरीले कचरे को लेने से इनकार कर दिया है। गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस बारे में एक प्रेस नोट जारी किया है। मध्य प्रदेश सरकार को इस बारे में कल अदालत में जानकारी देनी है।

सरकारी सूत्रों ने बताया है कि ‘राज्य सरकार इस मामले में माननीय न्यायालय के निर्देशों का इंतजार कर रही है। गैस राहत और पुनर्वास विभाग ने पहले ही 27 जून को 47 टन चूने का बूरा हटा दिया है और इंदौर के पास पीथमपुर में जमीन में गाड़ दिया गया है।’ इससे पहले न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) सहित उन कंपनियों के साथ बातचीत करे जो इस जहरीले कचड़े से निपट सकती हों और मामले के प्रगति के बारे में अदालत को 21 अप्रैल 2007 से पहले सूचित करे।

अधिकारी ने बताया कि ‘हमें जहरीले कचरे को हटाने के मामले में प्रगति की जानकारी 3 जुलाई को जबलपुर उच्च न्यायालय को देनी है।’ अदालत के आदेश के बाद राज्य सरकार ने भारतीय सेना और एनआईडीएम को पत्र लिखा लेकिन बताया जाता है कि वहां से कोई उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। बीते महीने विभाग ने मध्यस्थ द्वारा सुझाए गए सभी ट्रांसपोर्टरों से कचड़ा उठाने के लिए बात की और अंत में राज्य सरकार ने इस जहरीले कचड़े को सुरक्षित ढंग से हटाने औैर नष्ट करने के लिए अंकलेश्वर स्थित कटारिया ट्रांसपोर्ट को मंजूरी दी।

First Published - July 2, 2008 | 9:35 PM IST

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