दिल्ली सरकार भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र (Bhorgarh Industrial Area) की सूरत संवारने जा रही है। इस औद्योगिक क्षेत्र को पुनर्वास योजना के तहत बसाया गया है। इस क्षेत्र में औद्योगिक भूखंडों का आवंटन तो 10 साल पहले ही हो चुका है। लेकिन यहां कारखाने बनने की रफतार काफी धीमी है।
साथ ही यहां बुनियादी सुविधाओं का बुरा हाल है। सरकार इसे सुधारने जा रही है। साथ ही सरकार की योजना इस औद्योगिक क्षेत्र के मेंटेनेंस के लिए भी मॉडल विकसित करने की है।
भोरगढ़ में बुनियादी सुविधाओं के लिए सलाहकार नियुक्त करेगी सरकार
दिल्ली सरकार ने भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र की सूरत सुधारने के लिए सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सलाहकार की नियुक्ति के लिए दिल्ली राज्य औद्योगिक व अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) ने Request for Proposal (RFP) जारी किया है। इसके लिए इच्छुक 31 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं।
यह सलाहकार भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने और इसके मेंटेनेंस के लिए रिपोर्ट तैयार करेगी। इस रिपोर्ट में मौजूदा सुविधाओं और गंभीर रूप से जिन सुविधाओं की कमी है, उनकी विस्तृत जानकारी देनी होगी। साथ ही सड़क, पानी, ड्रेनेज और सीवेज सिस्टम से संबंधित प्लान तैयार करना होगा।
सलाहकार को इस औद्योगिक क्षेत्र के मेंटेनेंस का मॉडल भी बताना होगा। यह मॉडल आर्थिक व तकनीकी रूप से व्यावहारिक होना चाहिए। सलाहकार को अपनी रिपोर्ट में इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए अनुमानित खर्च भी बताना होगा। साथ ही यह बताना होगा कि इस क्षेत्र का मेंटेनेंस पीपीपी मॉडल या किसी अन्य एजेंसी के माध्यम से किया जाए।
431 एकड़ में फैला है भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र
भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र 431 एकड़ में फैला हुआ है। इस क्षेत्र में 4,660 औद्योगिक भूखंड हैं। इसमें से 3,917 भूखंड आवंटित हो चुके हैं। इनमें से 3,386 भूखंडों का आवंटन कराने वाले उद्यमियों ने भूखंड का कब्जा भी ले लिया है। हालांकि भूखंड पर कारखाना बनाने की रफ्तार धीमी है। अब तक महज 230 कारखाने ही बने हैं और 125 कारखाने निर्माणाधीन हैं।
दिल्ली लघु उद्योग मंच के अध्यक्ष व भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी केसरी सिंह ने बताया कि भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, सीवर, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का बुरा हाल है, जो सड़कें पहले बनी थी, वे भी खस्ताहाल हैं।