राष्ट्रीय राजधानी के कुछ क्षेत्रों में कंडीशनल एक्सेस सिस्टम (कैस) के लागू होने के 14 महीने बाद अन्य क्षेत्रों तक इसे विस्तारित करने से पहले दिल्ली सरकार ने इसके प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए विस्तृत अध्ययन करने का फैसला किया है।
उत्पाद कर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की सलाह पर कैस उपभोक्ताओं से इसके प्रदर्शन के बारे में जवाब मांगने के लिए एक प्रश्नावली तैयार की गई है। इसे जल्द ही कैस इस्तेमाल करने वालों को सौंप दिया जाएगा, ताकि इसके बारे में उनकी राय जानी जा सके।
दिल्ली उत्पाद कर विभाग को ग्राहकों और नौ अधिकृत बहु उद्देश्ईस आपरेटरों के बीच समन्वय के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। अधिकारी ने कहा कि उपभोक्तओं से मिले जवाब के आधार पर ही यह फैसला लिया जाएगा कि कैस को पूरे दिल्ली शहर में विस्तारित किया जाए या नहीं।
कैस इस समय दक्षिणी दिल्ली, मध्य और दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के भागों में मौजूद है। कैस के जरिए उपभोक्ता चैनलों की आवक को नियंत्रित कर सकते हैं और अपने मनपसंद चैनलों के लिए ही भुगतान करते हैं। दिल्ली में हाई कोर्ट के आदेश के बाद 31 दिसंबर 2006 को कैस लागू किया गया था।
अधिकारी ने एक निजी संस्था कंज्यूमर वॉयस द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के बारे में बताने से मन कर दिया। इस संस्था ने दावा किया था कि 70 प्रतिशत उपभोक्ता कैस के जगह पहले वाली व्यवस्था में जाना अधिक पसंद करते हैं। अधिकारी ने कहा कि यह एक निजी सर्वेक्षण है और इसकी कोई मान्यता नहीं है।