दिल्ली सरकार ने कोरोना के डर से दिल्ली से पलायन कर रहे श्रमिकों को रोकने के लिए उन्हें आर्थिक सहायता देनी शुरू कर दी है। सरकार निर्माण श्रमिकों को 5,000 रुपये की आर्थिक मदद कर रही है। इसके साथ ही श्रमिकों के लिए जिलों में खाद्य वितरण केंद्र भी खोले हैं।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के निर्माण कार्य में पंजीकृत श्रमिकों को पांच-पांच हजार रुपये की वित्तीय सहायता राशि प्रदान करने का निर्णय लिया है। सरकार की ओर से कुल 2,10,684 निर्माण श्रमिकों को यह राशि प्रदान की जाएगी। अब तक 1,05,750 श्रमिकों के बैंक खातों में 52.88 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है। बाकी बचे श्रमिकों को भी आने वाले दिनों में ये सहायता राशि भेज दी जाएगी।
दिल्ली सरकार द्वारा प्रवासी, दिहाड़ी और निर्माण कार्यो में लगे श्रमिकों की अन्य जरूरतों के पूरा करने के लिए दिल्ली के सभी जिलों में कई स्कूलों और निर्माण स्थलों पर खाद्य वितरण केंद्र भी शुरू कर दिए है।
दिल्ली सरकार अगले 2-3 दिनों में निर्माण श्रमिकों के लिए एक हेल्पलाइन बनाने जा रही है, जहां किसी भी निर्माण श्रमिक, चाहे वह बोर्ड के साथ पंजीकृत है या नहीं, को खाद्य वितरण केंद्र, बेड की उपलब्धता, दवाओं और किसी भी अन्य समस्या के बारे में पर्याप्त जानकारी दी जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी श्रमिकों और प्रवासियों से अपील की है कि वे दिल्ली न छोड़े क्योंकि दिल्ली सरकार उनके लिए सभी प्रकार की सहायता सुनिश्चित कर रही है।
पिछले वर्ष दिल्ली में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्या करीब 55,000 थी, इन्हें पिछले वर्ष भी लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से 5,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई थी। सरकार द्वारा इन श्रमिकों के पंजीयन के लिए अभियान चलाने के बाद बड़ी संख्या में श्रमिकों का पंजीकरण हुआ।