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दिल्ली: पट्टा किराया न देने वाले उद्यमियों पर होगी पर होगी सख्ती

Last Updated- December 11, 2022 | 2:40 PM IST

दिल्ली सरकार पट्टा किराया (लीज रेंट) के बकाये का भुगतान न करने वाले उद्यमियों के खिलाफ सख्त हो गई है। सरकार ने पुनर्वास योजना के आवंटियों को इस किराये के बकाया भुगतान करने के लिए 30 दिन की मोहलत दी है। इसके बाद किराया न देने वालों के आवंटन रद्द हो सकते हैं।
 
दिल्ली में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बनी पुनर्वास योजना के तहत करीब 22 हजार उद्यमियों को औदयोगिक भूखंड और फलेटेट फैक्टरी आवंटित हुई थी। ये भूखंड नरेला, बवाना, भोरगढ़,झिलमिल व बादली औद्योगिक क्षेत्रों में आवंटित हुए थे।
 

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में पुनर्वास योजना के तहत औद्योगिक भूखंड लेने वाले उदयमियों को भूखंड की कीमत का 2.5 फीसदी पटटा किराया देना होता है। यह किराया कब्जा लेने के 5 साल बाद लागू होता है और इस किराये का भुगतान दिल्ली राज्य औद्योगिक व अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) को किया जाता है।
 
ऐसा देखा जा रहा है कि बड़ी संख्या में आवंटियों ने लंबे समय से इस किराये का भुगतान नहीं किया है। इन आवंटियों को बार बार इस किराये के बकाये का भुगतान करने के लिए नोटिस दिए गए हैं। फिर भी इन्होंने भुगतान नहीं किया है।
 
अधिकारी ने कहा कि अब इन आवंटियों का इस बकाये का भुगतान करने के लिए एक मौका और दिया जा रहा है। आवंटियों को इस भुगतान को अब दिए जा रहे नोटिस के मिलने के बाद 30 दिन के अंदर भुगतान करना होगा। जो आवंटी इस समय सीमा में भुगतान नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भुगतान न करने वाले आवंटियों के भूखंड के आवंटन को निरस्त भी किया जा सकता है। इसके साथ ही उनके भूखंड के बिजली—पानी के कनेक्शन भी काटे जा सकते हैं।
 
पुनर्वास योजना के करीब 22,000 आवंटियों में से करीब 14,000 आवंटियों पर पट्टा किराया बकाया है। हजारों उद्यमियों पर तो यह बकाया लाखों में है। उद्यमियों पर 100 से 125 करोड़ रुपये  पट्टा किराया बकाया होने का अनुमान है। 

 

First Published - September 29, 2022 | 7:58 PM IST

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