छठे वेतन आयोग की सिफारिशें केन्द्र सरकार को सौंपे जाने के बाद उप्र राज्य कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश सरकार से तत्काल राज्य कर्मचारियों के लिए भी वेतन आयोग गठित किए जाने की मांग की है।
राज्य कर्मचारी संगठनों ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों पर संतोष जताते हुए कहा कि इसमें निचले स्तर के कर्मचारियों का वेतन अपेक्षाकृत कम रखा गया है। उन्होंने निचले स्तर पर वेतन में और अधिक बढ़ोतरी की मांग की है।
उप्र राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश पांडेय ने कहा कि केन्द्रीय वेतन आयोग ने इस बार वेतन में लगभग दो गुनी वृध्दि की है जबकि पिछले वेतन आयोग में तीन गुना वृध्दि की जाती रही है। पांडेय ने कहा कि पुरानी परम्परा को कायम रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग ने बडे अधिकारियों का तो पूरा ध्यान रखा है, जबकि निचले स्तर के खास कर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का ध्यान कम रखा गया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (तिवारी गुट) के अध्यक्ष एसपी तिवारी ने राज्य कर्मचारियों के लिए तत्काल वेतन आयोग गठित किए जाने की मांग करते हुए कहा कि इसी तरह की संस्तुतियां राज्य कर्मचारियों के लिए भी लागू होनी चाहिए। उप्र सेके्रटिएट एसोसिएशन के प्रवक्ता अंजनी गुप्ता का कहना है कि छठे वेतन आयोग ने अब समयमान वेतन खत्म कर दिया है तो न्यूनतम बेसिक वेतनमान दस हजार होना चाहिए।
इस बीच प्रदेश के वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि अभी तो जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण वेतन आयोग की संस्तुतियां केन्द्र सरकार को दी गई है। रिपोर्ट पर केबीनेट की स्वीकृति के बाद प्रदेश सरकार रिपोर्ट का अध्ययन कर राज्य कर्मचारियों के वेतन पर विचार करेगी। इसलिए अभी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगा।