इक्रियर (इंडियन काउसिंल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस) की रिपोर्ट में असंगठित क्षेत्र के खुदरा व्यापारियों के बारे में की गई टिप्पणियों के विरोध में कन्फेडरशेन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)की अगुर्वाईमें व्यापारियों ने आज जंतर मंतर के सामने धरना प्रदर्शन किया।
रिपोर्ट के 5.2.6 पैरा में लिखा गया है कि असंगठित क्षेत्र के खुदरा व्यापारी सरकार को बिक्री कर, आयकर और वैट की अदायगी नहीं करते है। यहीं नहीं इनमें से ज्यादातर तो पंजीकृत भी नहीं है।
कैट के पदाधिकारियों का कहना है कि इस रिपोर्ट के पीछे की सच्चाई यह है कि सरकार कार्पोरेट हाउसों को खुदरा क्षेत्र में बढ़ावा देना चाहती है। इसलिए किसी भी तरह वह छोटे खुदरा व्यापारियों पर नकेल कसने के फिराक में है। इक्रियर रिपोर्ट में कही गई बातें केवल कुछ मेट्रो और बड़े शहरों के आकलन पर ही आधारित है।
इस रिपोर्ट में छोटे शहरों, ग्रामीण इलाकों और अर्द्ध ग्रामीण इलाकों को एक दम नजर अंदाज कर दिया है। इसलिए इतने छोटे स्तर पर कराए गये सर्वेक्षण के आधार पर देश के 5 करोड़ खुदरा व्यापारियों के ऊपर उंगली नहीं उठाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में इनपुट भी कार्पोरेट रिटेलरों और बड़ी निर्माण कंपनियों के डाले गए है।