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छत्रपति शिवाजी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर बंद का पुणे के कई हिस्सों में दिखा असर

Last Updated- December 13, 2022 | 3:31 PM IST

छत्रपति शिवाजी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर बंद का पुणे के कई हिस्सों में दिखा असर
PTI / पुणे (महाराष्ट्र)  December 13, 2022

13 दिसंबर (भाषा) मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी के विरोध में विपक्षी दलों द्वारा आज यानी मंगलवार को आहूत बंद का समर्थन करते हुए महाराष्ट्र के पुणे शहर में अधिकतर दुकानें और औद्योगिक संस्थान बंद रहे।

महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बंद का समर्थन नहीं किया है, लेकिन उसके राज्यसभा सदस्य उदयनराजे भोंसले प्रदर्शनकारियों द्वारा आयोजित एक मौन मार्च में शामिल हुए। भोंसले शिवाजी महाराज के वंशज हैं।

मार्च शहर में छत्रपति संभाजी महाराज की प्रतिमा से शुरू हुआ, जो लाल महल तक जाएगा। मार्च में शिवसेना की नेता सुषमा अंधारे भी शामिल हुईं।

कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे नीत), संभाजी ब्रिगेड और कुछ अन्य संगठन बंद का समर्थन कर रहे हैं।

राज्यपाल कोश्यारी ने औरंगाबाद में पिछले महीने एक कार्यक्रम में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ‘‘पुराने जमाने’’ के आदर्श थे। इसके विरोध में ही बंद का आह्वान किया गया था।

हालांकि, महाराष्ट्र के मंत्री व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता चन्द्रकांत पाटिल के पिछले सप्ताह दिए उस बयान के बाद राज्य में विवाद और बढ़ गया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि समाज सुधारकों बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले ने शिक्षण संस्थान चलाने के लिए सरकार से धन मांगने की बजाय लोगों से ‘‘भीख मांगी’’।

भाजपा क प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और राज्य के पर्यटन मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा की छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर की गई हालिया टिप्पणियों का भी राज्य में काफी विरोध किया गया था।

पुणे में कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) भी मंगलवार को बंद रही।

स्थानीय व्यापारी संघ बंद का समर्थन करते हुए दोपहर तीन बजे तक दुकानें बंद रखेंगे।

पुणे महानगर परिवहन महामंडल के अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर बसें चल रही हैं। केवल 10 प्रतिशत बसों का संचालन रोका गया है।

भाषा निहारिका नरेश

First Published - December 13, 2022 | 10:01 AM IST

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