सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले (SC on electoral bond case) में पब्लिक सेक्टर के बैंक एसबीआई (SBI) को एक बार फिर फटकार लगाई है और बैंक को सभी डिटेल्स जारी करने का अल्टीमेटम भी दे दिया है।
देश की सबसे बड़ी अदालत ने सोमवार को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) चुनिंदा रवैया नहीं अपना सकता और उसे इलेक्टोरल बॉण्ड की सभी ‘‘संभावित’’ जानकारियों का खुलासा करना पड़ेगा। इसमें विशेष बॉण्ड वाले नंबर भी शामिल हैं जिससे खरीदार और प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल के बीच राजनीतिक संबंध का खुलासा होगा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच मेम्बर्स की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉण्ड मामले में अपने फैसले में बैंक से बॉण्ड के सभी जानकारी का खुलासा करने को कहा था तथा उसे इस संबंध में और आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए।
पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा, ‘‘हमने एसबीआई (SBI) से सभी जानकारियों का खुलासा करने के लिए कहा था जिसमें चुनावी बॉण्ड नंबर भी शामिल हैं। एसबीआई विवरण का खुलासा करने में चुनिंदा रुख न अपनाए।’’
SC ने पिछले सप्ताह SBI को जारी किया था नोटिस
पिछले सप्ताह कोर्ट ने देश के सबसे बड़े बैंक को अपने निर्देशों के अनुपालन में विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या (यूनीक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर) का खुलासा न करने के लिए ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया था और कहा था कि एसबीआई उन संख्याओं के खुलासे के लिए “कर्तव्यबद्ध” था।
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉण्ड मामले में औद्योगिकी निकायों, एसोचैम और कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) की गैर-लिस्टेड याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार किया। उसने बॉण्ड विवरण का खुलासा करने पर उसके फैसले की समीक्षा करने का अनुरोध करने वाले ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ (SCBA) के अध्यक्ष के पत्र पर विचार करने से भी इनकार कर दिया।
सीजेआई ने एससीबीए अध्यक्ष से कहा, ‘‘आपने मेरी स्वत: संज्ञान संबंधी शक्तियों को लेकर पत्र लिखा है, ये सभी प्रचार संबंधी चीजें हैं, हम इसमें नहीं पड़ेंगे।’’
याचिकाकर्ता गैर लाभकारी संगठन की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत में कहा कि प्रमुख राजनीतिक दलों ने चंदा देने वालों की जानकारी नहीं दी है, केवल कुछ दलों ने दिया है।
SC ने इलेक्टोरल बॉण्ड स्किम को कर दिया रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने 12 अप्रैल 2019 को एक अंतरिम आदेश पारित कर राजनीतिक दल, उन्हें मिले चंदे और आगे मिलने वाले चंदे के बारे में जानकारी एक सीलबंद लिफाफे में इलेक्शन कमीशन (EC) को देने के लिए कहा था।
पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था।
(भाषा के इनपुट के साथ)