मुंबई में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य सरकार जल्द ही अपनी वाहन नीति में बदलाव करने वाली है। नई नीति के तहत राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के साथ हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य के राजमार्गों पर सौर ऊर्जा का उपयोग करने के साथ अगले पांच सालों में मुंबई में बेस्ट की लगभग 30 फीसदी बसे इलेक्ट्रिक की जाएंगी।
मुंबई लोकल ट्रेन और बीईएसटी ( बेस्ट) की बसों को मुंबई की धमनियां कहा जाता है। इनसे होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करके ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने का काम शुरू किया गया है। राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार द्वारा जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाएगा। ठाकरे ने कहा कि कि दुनिया के उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव पर ग्लोबल वार्मिंग केवल बर्फ पिघलने या तापमान में बदलाव के कारण जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। बाढ़, सूखा, बेमौसम बारिश, भारी बारिश, तूफान भी जलवायु परिवर्तन का परिणाम है। पिछले एक साल में राज्य में आपदा पीड़ितों को 13,000 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। भविष्य में जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में व्यापक अभियान चलाना होगा। इसके एक हिस्से के रूप में अगले 5 वर्षों में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों को राज्य में शुरू किया जाएगा।
राज्य सरकार के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग तथा महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से इलेक्ट्रिक वाहन टेक्नोलॉजी के मद्देनजर से महाराष्ट्र वाहन नीति में सुधार करने के लिए संबंधित विभागों की बैठक की गई। इस बैठक में राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि एसटी में ईंधन पर करीब 3 हजार करोड़ रुपये खर्च होते हैं। परंतु इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग करने से इन खर्चों में बड़ी बचत होगी। फिलहाल एसटी संकट में हैं और उसको बचाने के लिए ग्रो ग्रीन की ओर मुड़ने के अलावा कोई चारा नहीं है। इस लिहाज से आने वाले समय एसटी बसों में भी इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग को बढ़ावा दिया जायेगा।
पर्यावरण राज्य मंत्री संजय बनसोडे ने कहा कि कुल प्रदूषण में वाहनों से होने वाला प्रदूषण सबसे ज्यादा है। इसे देखते हुए हमें इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ जाना होगा। अतीत में हम मुंबई में टैक्सी, रिक्शा, बसों को सीएनजी में बदलने में सफल हुए थे। शून्य उत्सर्जन की ओर बढ़ने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करना होगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि शहरों में हवा का स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है। कुल प्रदूषण में से 25 प्रतिशत वाहन प्रदूषण के कारण है। इसे रोकने के लिए आपको इलेक्ट्रिक वाहनों को चालू करना होगा। लेकिन ऐसा करने में हमें हरित ऊर्जा की ओर भी मुड़ना होगा।
पर्यावरण विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती म्हैस्कर ने कहा कि अब समय है कि हम इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दें। इसके लिए राज्य में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। देश में लगभग 80 फीसदी वाहन दोपहिया वाहन हैं। भविष्य में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के उपयोग को प्राथमिकता दी जाएगी। हम महानगरों में वायु प्रदूषण को तब तक नहीं रोक पाएंगे जब तक कि इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग नहीं बढ़ जाता है।