उत्तर प्रदेश में नगर निकाय अब कर वसूली के लिए किन्नरों का सहारा लेंगे। गुजरात की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी बकाया गृह कर की वसूली के लिए किन्नरों को नौकरी पर रखा जाएगा। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर से हो रही है।
हाल ही में प्रदेश में गोरखपुर नगर निगम ने इलेक्ट्रिक बस सेवा के संचालन के काम के लिए किन्नरों को सेवा में रखा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल प्रदेश में गठित किन्नर कल्याण बोर्ड ने विभिन्न विभागों से इस समुदाय के लोगों को नौकरी देने और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ देने को कहा था। इसके बाद हाल ही में गोरखपुर नगर निगम में नगर आयुक्त अविनाश सिंह की अध्यक्षता में हुई किन्नर कल्याण बोर्ड के सदस्यों और नगर निगम के अधिकारियों की बैठक में गुजरात मॉडल की तरह गोरखपुर में भी किन्नरों को मौका देने का फैसला लिया गया। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि सबको समान अधिकार देने की सरकार की मंशा को देखते हुए गोरखपुर नगर निगम ने किन्नरों को मौका देने का निर्णय लिया है। हाल ही में गोरखपुर में इलेक्ट्रिक बस डिपो के लिए तीन किन्नरों का इंटरव्यू कराकर उन्हें नौकरी में रखने की कवायद हो रही है।
अब गोरखपुर नगर निगम टीम में भी दस किन्नरों की भर्तियां करने की तैयारी शुरू की जा चुकी है। बैठक में निगम के अधिकारियों ने कहा कि नगर निगम पर पूरे शहर की जिम्मेदारी है। जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं। ऐसे में नगर निगम का काम भी बढ़ गया है। नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि हम लोग किन्नर कर्मचारियों की एक टीम बना रहे हैं, जिनसे नगर निगम के काम में मदद ली जाएगी। इसमें करीब दस किन्नरों को शामिल किया जा रहा है। उन्हें टैक्स वसूली से लगा कर सामान्य कार्यालय के कामों की जिम्मेदारी दी जाएगी।