मध्य प्रदेश सरकार आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए छूट और रियायतों का पिटारा खोल सकती है।
उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार को आयोजित की जाने वाली ‘स्वयं सहायता समूह महापंचायत’ (एसएचजी) में 50 हजार से भी अधिक स्वयं सहायता समूहों के सदस्य शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों, शिल्पियों, किसानों और समाज के अन्य क्षेत्रों को रियायत और छूट देने के लिए विभिन्न पंचायतों का आयोजन किया है। सरकारी सूत्रों ने बताया, ‘एसएचजी महापंचायत को राज्य लाइवलीहुड फोरम के जरिए स्थानीय स्तर पर नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी।’
मालूम हो कि एसएचजी महापंचायत का गठन विश्व बैंक की वित्तीय मदद से की गई है। यह दूसरा मौका है जब एसएचजी के लिए इतने बड़े जमावड़े का आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले, राज्य सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित ‘स्वर्ण जयंती रोजगार योजना’ के तहत 13 फरवरी 2006 को इसी तरह के मेले का आयोजन किया था।
राज्य में 3 लाख से भी अधिक एसएचजी हैं लेकिन वे आय सृजन गतिविधियों से नहीं जुड़े हुए हैं और यही वजह हैं कि गांवों मे आज भी बड़ी तादाद में बेरोजगारी व्याप्त है।