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महंगे मकान, फिर भी खरीदार मेहरबान

Last Updated- December 10, 2022 | 12:52 AM IST

गरीबों और कमजोर आय वर्ग के लिए ताबड़तोड़ योजनाओं की घोषणाएं कर रहे लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) से मध्यम आय वर्ग के लोगों को निराशा हाथ लगी है।
प्राधिकरण ने अपनी नयी अपार्टमेंट योजना के लिए डिमांड सर्वे की शुरुआत कर दी है पर बहुमंजिला भवनों की प्रस्तावित लागत को देख कर लोगों में निराशा है। हालांकि प्राधिकरण के लिए यह संतोष का सबब है कि निजी बिल्डरों के बन रहे मध्यम वर्ग के बहुमंजिला भवनों के मुकाबले उसकी प्रॉपर्टी की पूछ खासी ज्यादा है।
राजधानी लखनऊ में टाउनशिप बना रहे अंसल और निजी बिल्डर ओमैक्स की तुलना में लोगों की रुचि एलडीए के भवनों में अधिक है। इसका एक बड़ा कारण इन बिल्डरों के भवनों की कीमत का ज्यादा होना है।
दूसरी ओर आरिफ बिल्डर्स की मेट्रो सिटी है, जो दाव-पेंच में फंसी होने के चलते लोगों को मकान भी नहीं दे पा रही है, लेकिन वहां संपत्ति की लागत काफी बढ़ गयी है। एलडीए ने पहले अपने अपार्टमेंट की कीमत 10 से 16 लाख रुपये के बीच में रखने की बात कही थी जिसके चलते इनकी बुकिंग का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
हालांकि लोगों में संपत्ति को लेकर उत्साह इस कदर बना हुआ है कि ऊंची कीमत के बावजूद लोग इन अपार्टमेंट के बारे में पूछताछ कर रहे हैं और रुचि भी दिखा रहे हैं। पर साथ ही उनका यह कहना भी है कि कीमत अगर पूर्व में प्रस्तावित जैसी ही रखी जाती तो इन मकानों को हाथों-हाथ लिया जाता।
प्राधिकरण ने ऐशबाग टावर्स के नाम से प्रस्तावित बहुमंजिला भवनों में एक बेडरुम के फ्लैट की कीमत 12 लाख रुपये और दो बेडरुम की कीमत 19 लाख रुपये रखी है। गौरतलब है कि प्राधिकरण पहली बार अपनी किसी योजना पर लॉटरी के जरिए आवंटन कर काम शुरु करने से पहले डिमांड सर्वे करा रहा है।
अधिकारियों की मानें तो ऐसा गोमतीनगर में बनाए जाने वाले महंगे दामों वाले रिवर व्यू अपार्टमेंट में लोगों के रुचि न दिखाने के चलते किया जा रहा है। गोमती नगर में बनने वाले रिवर व्यू अपार्टमेंट के लिए अक्टूबर में पंजीकरण खोला गया था पर चार बेडरुम वाले मकानों की कीमत 25 लाख रुपये होने के चलते इसके लिए 100 पंजीकरण भी नहीं हुए।
हार कर एलडीए ने लॉटरी में भाग लेने वाले सभी लोगों को अपार्टमेंट देने की घोषणा कर दी। इसके विपरीत एलडीए की ही 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले नेहरु एनक्लेव के रिक्त मकानों के लिए अच्छी मारा-मारी मच गयी थी।
अभी बीते साल दिसंबर में एलडीए ने जब 400 दुर्बल आय वर्ग के मकानों के लिए पंजीकरण खोला तो वहां भी आशा से कहीं ज्यादा  करीब 10,000 लोगों ने आवेदन कर दिया। कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के लिए बनाए जा रहे दो कमरों के 1,100 मकानों के लिए 45,000 लोगों ने पंजीकरण करा डाला है।
मंगलवार को पंजीकरण कराने की आखिरी तारीख थी। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि आशा से थोड़ी ज्यादा कीमत रखने के बाद भी ऐशबाग टावर्स के लिए कम से कम 10 गुना लोग आवेदन आएंगे। इसका बड़ा कारण इन मकानों का शहर के प्रमुख इलाकों में होना है।
एलडीए के मध्यम आय वर्ग के मकानों से लोग हुए निराश

ऊंची कीमतों के बाद भी लोगों में बना हुआ है जबरदस्त उत्साह

निजी बिल्डरों के मकान तो अब भी हैं लोगों के पहुंच से बाहर

First Published - February 12, 2009 | 10:25 PM IST

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