अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के आखिरी दिन मुंबई हादसे का असर साफ दिखाई दिया।
एक ओर जहां दर्शकों की संख्या पिछले दिनों से कम रही, वहीं सुरक्षा व्यवस्था में काफी एहतियात बरती गई। भारतीय व्यापार संवर्द्धन संगठन (आईटीपीओ) के कार्यकारी निदेशक राजीव यादव ने बताया, ‘इस बार 7,500 स्टॉल लगाए गए । मेले में 38 देशों के 450 स्टॉल लगाए गए । कई लोगों को स्टॉल भी नहीं मिल पाया। इस बार लगभग 1,000 नई कंपनियों ने भागीदारी की थीं। मेले में 1,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है।’
महाराष्ट्र पैवेलियन के कारोबारी अनिल पारिख ने कहा कि इस हमले से मुंबई का कारोबार तो पूरी तरह से ठप हो ही गया। बाजार पर इसका असर एक सप्ताह तक तो जरूर रहेगा।
एक दूसरे कारोबारी सुरेश अगरकर ने कहा, ‘इस दुर्घटना के बाद जब मैंने सहयोगियों से मुंबई बात की, तो उन्होंने बताया कि कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है। हमलोग पूरी तरह से सहमे हुए हैं।’
कारोबारियों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार 30 फीसदी कम कारोबार हुआ। इस बार दर्शकों की संख्या में भी कमी आई है।
पिछले साल जहां 17 लाख लोग मेला देखने आए, वहीं इस बार 13 लाख लोग ही मेले में आए। विदेशी पैवेलियन श्रेणी में पाकिस्तान को स्वर्ण पदक मिला, जबकि राज्य पैवेलियन श्रेणी में गुजरात ने बाजी मारी।