मंदी में जहां कं पनियां तेजी से छंटनी की तलवार चला रही हैं, ऐसे में 500 से अधिक छात्रों को नौकरी, वह भी बिना किसी व्यावसायिक डिग्री के! सुनकर थोड़ा अचरज होता है।
लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को बड़ी कंपनियां दिल खोलकर नौकरियां बांट रही हैं। दिलचस्प है कि 2-3 लाख रुपये सालाना की नौकरी पाने वाले इन छात्रों के पास व्यावसायिक डिग्री तो दूर, स्नातक की डिग्री भी नहीं है। सभी स्नातक अंतिम वर्ष में है।
छात्रों को नौकरी देने वालों में विप्रो, मैक्स इंडिया, एटीएस, एली लिली, डेल, बार्कलेज, जेनपैक्ट, और रैनबैक्सी शामिल हैं। एजिस और एनडीपीएल की चयन प्रक्रिया जारी है। गुरुवार को एजिस ने 20 छात्र चुने। शुक्रवार को छात्रों के चयन की बारी एनडीपीएल की है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के डिप्टी डीन (स्टूडेंट्स वेलफेयर) गुरप्रीत सिंह टुटेजा कहते हैं, ‘प्लेसमेंट के लिए व्यापक प्रयास विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से पहली बार किया गया है और 4000 छात्रों में से 500 को नौकरी मिल चुकी है।’ प्लेसमेंट के लिए कई कॉलेजों ने अपनी तरफ से भी प्रयास किए हैं।
एआरएसडी कॉलेज के प्लेसमेंट प्रभारी जे एल गुप्ता कहते हैं, ‘हमारे कॉलेज से 100 छात्रों को नौकरी मिल चुकी है और कई कंपनियां संपर्क कर रही हैं। लेकिन परीक्षा सिर पर होने के कारण छात्र कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं।’ नौकरी पाने वालों में वाणिज्य व अर्थशास्त्र के छात्रों की संख्या ज्यादा है।
गुप्ता कहते हैं, ‘हमारे कॉलेज से अंग्रेजी ऑनर्स और कंप्यूटर साइंस के कई छात्रों का प्लेसमेंट हुआ है।’ उत्साह से भरा दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन इस ग्रीष्मावकाश के दौरान प्लेसमेंट मेले की योजना बना रहा है।