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पूरा कर्ज माफ करने की मांग

Last Updated- December 07, 2022 | 7:44 AM IST

जहां एक तरफ केंद्र और महाराष्ट्र सरकार किसान कर्ज माफी योजना के फायदे का गुणगान करते थक नहीं रही है, वहीं दूसरी ओर दक्षिणी महाराष्ट्र के कई किसान इस बात से खफा हैं कि इस योजना से बहुत कम किसानों को लाभ पहुंच रहा है।


कोल्हापुर तो किसानों ने एक रैली निकाल कर राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया। किसानों का कहना है कि सरकार की नीतियां भेदभाव पूर्ण हैं। यह विरोध प्रदर्शन स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (एसएसएस) के बैनर तले किया गया। लोगों के इस विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है। इस प्रदर्शन का समर्थन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की किसान सभा और शेतकरी संगठन ने भी किया है।

ये सारे राजनीतिक दल भी इस बात का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं कि सारे किसानों के कर्ज को माफ किया जाना चाहिए। इस प्रदर्शन के मौके पर एसएसएस के प्रमुख और विधायक राजू शेट्टी ने कहा कि सरकार की नीति है कि बिना सही कीमत दिए हुए कृषि उत्पादों को खरीद लिया जाए।

उन्होंने कहा कि सरकार कृषि को इसलिए नजरअंदाज कर रही है क्योंकि इसका सकल घरेलू उत्पाद में केवल 2.8 प्रतिशत का योगदान है। इसलिए जरुरी है कि सरकार सारे किसानों के लिए कर्ज माफी की घोषणा करें और राज्य और केंद्र सरकारें इसे जल्द से जल्द क्रियान्वित करें। यदि ऐसा संभव नहीं हुआ तो लोगों के विरोध को रोकना मुश्किल हो जाएगा।

रैली में कई वक्ताओं ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को कर्नाटक सरकार का अनुसरण करना चाहिए। कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार से स्वतंत्र होकर अपने यहां के सारे किसानों के कर्ज को माफ किया है। इससे वहां के किसानों को कर्ज से राहत मिली है। वही पडाेसी राज्य महाराष्ट्र में किसानों पर कर्ज का बोझ इस माफी योजना के बाद भी बना हुआ है।

महाराष्ट्र के किसानों को अनाज की सही कीमतें भी नहीं मिल पाती है। इसके अलावा दूध की भी सही कीमत डेयरी से नहीं मिल पाती है। इन मुद्दों को आधार बनाकर कोल्हापुर के कलेक्टर कार्यालय के सामने 1 जुलाई को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। ये सारे संगठन एक बैनर के तले विरोध नही कर रहे हैं। लेकिन इस बात की संभावना बन रही है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों का ध्रुवीकरण हो जाए।

First Published - June 26, 2008 | 10:33 PM IST

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