महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। इसके चलते राज्य परिवहन सेवा पूरी तरह से ठप हो गई है। कर्मचारियों के विरोध के कारण बुधवार को एमएसआरटीसी के सभी 250 डिपो पर बस परिचालन बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने हड़ताल वापस लेने और समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार से सहयोग करने की अपील की।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एमएसआरटीसी के कर्मचारियों से बुधवार को हड़ताल वापस लेने की अपील की। उद्धव ठाकरे ने कहा कि गत कुछ दिनों से सरकार ने इस मुद्दे के समाधान के लिए कदम उठाए हैं। यहां तक उच्च न्यायालय ने एमएसआरटीसी के मुद्दे के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया है। इन परिस्थितियों में, मैं हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि वे राज्य के लोगों को बंधक नहीं बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गत करीब दो साल से कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रही है। इसलिए कृपया राज्य सरकार का सहयोग करें। ठाकरे ने कहा कि अपने राजनीतिक फायदे के लिए विपक्ष एमएसआरटीसी कर्मचारियों को भड़काने में लगा हुआ है।
नकदी संकट से जूझ रहे निगम को राज्य सरकार में विलय करने की मांग को लेकर कर्मचारियों 28 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारी संघ के एक नेता के मुताबिक, पूरे महाराष्ट्र से निगम के कई कर्मचारी निजी वाहनों से शहर के लिए रवाना हुए हैं। हालांकि, पुलिस उन्हें रास्ते में ही रोक सकती है। एमएसआरटीसी के एक अधिकारी ने कहा कि आज राज्य भर में सभी 250 डिपो बंद हैं। कल, कम से कम तीन डिपो चालू थे, लेकिन आज वे भी बंद हैं।
गौरतलब है कि एमएसआरटीसी देश के सबसे बड़े परिवहन निगमों में से एक है जिसके बेड़े में 16 हजार से अधिक बसें हैं और करीब 93 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। निगम कोविड-19 महमारी से पहले रोजाना करीब 65 लाख यात्रियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाता था।