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चुनाव नतीजे के बाद सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू

Last Updated- December 11, 2022 | 8:48 PM IST

विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सरकार बनाने की सरगर्मी तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (आप) पार्टी ने पंजाब में सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच, पांचों राज्यों में खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस में सन्नाटा पसरा है। पंजाब के अगले मुख्यमंत्री के रूप में भगवंत मान 16 मार्च को भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। इस घोषणा से पहले मान ने आप के  राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी।
13 मार्च को आप अमृतसर में एक रोडशो करेगी। इन दोनों कार्यक्रमों में केजरीवाल मौजूद रहेंगे। केजरीवाल और मान के बीच बैठक करीब एक घंटे से अधिक चली और इसमें दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल थे। बैठक के बाद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘मेरे छोटे भाई भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। आज वह मेरे घर आकर मुझे शपथ ग्रहण समारोह में आने का आमंत्रण दे गए। मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में वह राज्य के लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरेंगे।’ पंजाब में आम आदमी पार्टी ने राज्य की कुल 117 विधाननसभा सीटों में 92 पर जीत हासिल की है। मान राज्य की धुरी विधानसभा सीट से 58,204 से अधिक मतों से जीत दर्ज की।
हालांकि प्रचंड जीत दर्ज करने के तत्काल बाद भाजपा ने आप की आलोचना शुरू कर दी। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने आरोप लगाया कि आप ने दिल्ली में भाजपा शासित नगर संगठनों तक रकम नहीं पहुंचने दी और न ही स्वास्थ्य सुविधाओं को ही वित्तीय कोष पहुंचने दिया।
नगर निगम के चुनाव अप्रैल में होने वाले थे मगर इन्हें अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। इसके पीछे यह तर्क दिया गया है कि इन इकाइयों के संगठन में केंद्र बदलाव कर सकती थी। दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और केंद्र सरकार उप राज्यपाल गवर्नर के माध्यम से शासन करती है। दिल्ली को पूर्ण राज्य दिए जाने का मुद्दा आने वाले समय में जोर पकड़ सकता है। दूसरी तरफ चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस का उत्साह ठंडा पड़ गया है। पंजाब कांगे्रस इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू इस बात से संतुष्ट थे कि वह भले ही चुनाव हार गए हैं मगर पार्टी में उनके विरोधी को कहीं बड़े अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा है।
सिद्धू ने कहा, ‘जिन लोगों ने सिद्धू के लिए गड्ढा खोदा वे 10 फुट और गहरे दब गए। जो बीत गया सो बीत गया। लोगों ने बदलाव के लिए आप को वोट दिया है। मैं उन्हें बधाई देता हूं। नए बीज को बोने की जरूरत है। अब चिंता नहीं चिंतन करना चाहिए।’ चुनाव के नतीजों पर चर्चा करने के लिए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने से पहले ही पार्टी के असंतुष्ट समूह, ग्रुप 23 ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर एक बैठक की। आजाद राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता भी हैं। हाल ही आजाद ने जब पद्म पुरस्कार को स्वीकार किया था तब भी कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसकी आलोचना की थी। आजाद के आवास पर सांसद आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी ने मुलाकात की। जब तिवारी से पंजाब में कांग्रेस की हार की वजहों के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी से पूछिए।’
भाजपा ने इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार के बारे में सोचना शुरू कर दिया है जहां पार्टी को बहुमत मिला है लेकिन इसके निवर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए। हालांकि भाजपा ने अन्य सभी राज्यों में मुख्यमंत्री के नाम लगभग तय कर दिए हैं जहां यह सरकार बनाने जा रही है जैसे कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ, गोवा में प्रमोद सावंत और मणिपुर में एन बीरेन सिंह। धामी की हार उत्तराखंड में पार्टी के लिए झटका साबित हुई जहां भाजपा ने 70 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें जीत ली हैं।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि पार्टी को पिछली बार तीरथ सिंह रावत को (धामी से पहले) मुख्यमंत्री बनाते वक्त जिस तरह के हालात का सामना करना पड़ा वैसी स्थिति नहीं दोहराने देगी जब वह छह महीने के भीतर विधानसभा सदस्य नहीं बन सके। सूत्रों ने कहा कि निर्वाचित विधायकों में से ही किसी का चयन किया जाएगा। सतपाल महाराज और धन सिंह रावत जो पिछली सरकार में मंत्री थे वे भी उम्मीदवारों में शामिल हो सकते हैं। हालांकि लोकसभा या राज्यसभा से किसी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं लाया जाएगा। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी संभावित उम्मीदवार हो सकते थे जिनके नाम को खारिज कर दिया गया है। पार्टी के एक नेता ने बताया, ‘शीर्ष नेतृत्व किसी दिग्गज नेता के नाम के अटकलों से उलट किसी और को मुख्यमंत्री बनाकर हैरान कर सकता है।’

First Published - March 11, 2022 | 11:32 PM IST

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