हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (एचईसी) को राज्य सरकार से उसका बकाया भुगतान मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
साल 2000 में जब बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य अस्तित्व में आया, तो एचईसी ने नए राज्य की सरकार और मंत्रालयों के कामकाज के लिए अपनी जमीन और बिल्डिंग दे दी थी।
एचईसी की भूमि पर ही राज्य असेंबली, सचिवालय और सरकारी कर्मचारियों के मकान बने हुए हैं। लेकिन झारखंड सरकार ने तब से अभी तक एचईसी को किराए का भुगतान नहीं किया है।
हाल ही में झारखंड के राज्यपाल सईद सिब्ते रजी और उनके सलाहकारों की बैठक में एचईसी को लगभग 275 करोड़ रुपये देने की अनुमति दे दी गई। पिछले साल सितंबर में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार एचईसी को फिलहाल 100 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।
लेकिन घोषणा के दो महीने के बाद भी कपंनी को भुगतान नहीं किया गया। बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। इसके बाद ही एचईसी ने राज्यपाल से बातचीत करने का फैसला किया था।