केंद्र के अंतरिम बजट की तरह ही सोमवार को पेश हुआ हिमाचल प्रदेश का बजट भी कुछ खास लेकर नहीं आया। राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने वर्ष 2009-10 के लिए राज्य का बजट पेश किया।
इस दौरान कुल राजस्व प्राप्ति 10,478 करोड़ रुपये रहने की संभावना जताई गई है, जबकि राजस्व खर्च 10,222 करोड़ रुपये संभावित है। राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.54 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। कुल अनुमानित खर्च 13,075 करोड़ रुपये है जबकि वेतन पर कुल 3,748 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
ब्याज के रूप में करीब 2,053 करोड़ रुपये के भुगतान का अनुमान व्यक्त किया गया है। वहीं दूसरी ओर सरकार को ऋण की अदायगी पर 981 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है जबकि पेंशन पर 1,299 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है।
राज्य को 24 से 56 फीसदी मुफ्त दिलाने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में बोलियों के लिए प्रतियोगिता को बढ़ावा दिया जाएगा। सड़कों के लिए प्रावधान को 305 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 480 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
पर्यटन क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए 350 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई। धूमल ने राज्य परिवहन की बसों के लिए भाड़े में 10 फीसदी की कटौती की है। ग्रामीण सड़कों पर चलने वाली बसों के लिए रोड टैक्स खत्म कर दिया गया है।