हिमाचल प्रदेश में इस दशक के सबसे ठंडे मई के दौरान प्रदेश के होटलों और रिसोट में पर्यटकों के आगमन में काफी कमी आई है।
इस समय पूरे देश में चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए लोग हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों में घूमने-फिरने के लिए आते है। इसके अलावा इस मौसम में यहां पर्यटकों के भारी संख्या में आने का कारण मैदानी इलाकों के शैक्षिक संस्थानों में गर्मी की छुट्टियों का होना भी होता है।
इस साल गर्मी के मौसम में बाकी वर्षों की तुलना में तापमान अपने औसत स्तर से 5 से 8 डिग्री सेल्सियस कम रहा है। यही कारण है कि मैदानी इलाकों में भारी संख्या में पर्यटकों ने पहाड़ी इलाकों में छुट्टी मनाने के लिए जाने की योजना को स्थगित कर दिया है।
मई के महीने में कम हुए इस तापमान ने पहाड़ के बाशिंदों को गर्मी में ही गर्म और ऊनी कपड़ों को निकालने के लिए मजबूर कर दिया है। कुछ लोग जो इन इलाकों में घूमने के लिए मैदानी इलाकों से आ रहे हैं, उनका कहना है कि मैदानी इलाकों में भी मौसम इस समय काफी सुहावना है।
राज्य के मौसम विभाग के प्रमुख मनमोहन सिंह का कहना है कि 1997 के बाद इस वर्ष मई का महीना सबसे ठंडा रहा है। वैसे प्रत्येक वर्ष मई और जून के महीनों में सबसे ज्यादा गर्मी रहती है। होटल और रिसोर्ट पर्यटकों से भरे रहते है। लेकिन इस बार मौसम के ठंडा रहने से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को नुकसान हुआ है। होटल और रिसोर्ट मालिकों ने हो रहे घाटे से बचने और पर्यटकों को लुभाने के लिए विशेष तरह के पैकेज देने शुरु किए हैं।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के प्रंबध निदेशक राम सुभाग सिंह ने बिजनेंस स्टैंडर्ड को बताया कि इस मौसम में पर्यटन की धीमी रही दर को बढ़ाने के लिए पर्यटकों को कुछ लुभावने पैकज देने की शुरुआत की है। हिमाचल में मई और जून के दौरान मौसम सुहावना रहता है। राज्य में जून के अंत तक मानसून पहुंचता है।