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युवा मतदाताओं को रिझाने के लिए हुड्डा का चुनावी कोर्स

Last Updated- December 10, 2022 | 8:30 PM IST

पिछले चार सालों के दौरान हरियाणा में हुए औद्योगिक विकास का श्रेय लेने के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार अब शिक्षा क्रांति के जरिए राज्य के युवा वोटरों को आकर्षित करना चाहती है।
राज्य के वोट बैंक के लगभग 40 फीसदी युवा वोटरों को रिझाने के लिए हुड्डा सरकार ने इस साल इंजीनियरिंग पाठयक्रमों के लिए 22 हजार अतिरिक्त सीटों पर दाखिले के अलावा 11 टेक्नोलॉजी पार्क, 60 पॉलिटेक्नीक और लगभग 30 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई ) स्थापित करने की योजना तो बनाई ही है।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों और विदेश में नौकरी दिलाने के लिए बड़ी संख्या में रोजगार मेलों की पहल भी की है। राज्य सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनावों के साथ अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में युवाओं के वोट भुनाने के लिए राज्य सरकार इन सभी योजनाओं को इस साल ही पूरा करा लेना चाहती है।
इंजीनियरिंग कालेजों, आईटीआई और पॉलिटेक्नीक की स्थापना के साथ औद्योगिक और वाणिज्यिक पाठयक्रमों को शुरु करने के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये का सरकारी निवेश पाइपलाइन में है। जबकि लगभग 300 करोड़ रुपये का निवेश पिछले तीन सालों में किया जा चुका है।
राज्य में तकनीकी, व्यावसायिक और औद्योगिक शिक्षा का प्रभार देख रहे मंत्री ए सी चौधरी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि, ‘राज्य के युवा संसाधन को विकसित करने के लिए हमने एक तगड़ी रूपरेखा बना रखी है और ये सभी योजनाएं उसी रूपरेखा का ही परिणाम है।
यही नहीं मंदी के माहौल को देखते हुए रोजगार दिलाने के लिए हम सरकारी जद्दोजहद के साथ रोजगार मेले लगाने की योजना भी बना रहे हैं। इस योजना के तहत हिसार और फरीदाबाद में लगे मेलों में लगभग 1500 छात्रों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी भी मिल गई है। इस रोजगार मेले की सफलता को देखते हुए हमारी योजना इनकी संख्या बढ़ाने की है।’
चौधरी बताते है कि हमने तो आईटीआई और पॉलिटेक्नीक विकसित करने के लिए इस साल लगभग 200 करोड़ रुपये के बजट की मांग की थी। लेकिन अभी तो हमारे लिए 70 करोड़ रुपये का ही प्रावधान किया गया है। लेकिन इसके बावजूद हमारी योजना इस साल ही आईआईटी की संख्या 77 से बढ़ाकर 100 कर लेने की है।
मेवात में हम सबसे बड़े आईटीआई का निर्माण कर रहे हैं। इस आईटीआई में 50 फीसदी सीटें मेवात के छात्रों के लिए ही आरक्षित होंगी। वहीं इंजीनियरिंग के लिए इच्छुक युवा भी राज्य सरकार के वोटिंग निशाने पर हैं।
राज्य के तकनीकी शिक्षा निदेशक एम पी गुप्ता बिजनेस स्टैंडर्ड को चुनाव आचार संहिता के चलते सभी जानकारियां देने से तो मना कर देते है लेकिन इतना जरूर बताते हैं कि ‘राज्य में तकनीकी शिक्षा के लिए पारित बजट 150 करोड़ रुपये का है जो पिछले साल की अपेक्षा लगभग 30 फीसदी तक ज्यादा है। गुप्ता बताते है कि इस साल इंजीनियरिंग पाठयक्रमों के लिए सीटों की संख्या भी  78 हजार से बढ़ाकर 1 लाख करने की योजना है।’

First Published - March 18, 2009 | 9:20 PM IST

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