कॉरपोरेट रिटेल स्टोर की संख्या में बढ़ोतरी से देश के 85 फीसदी फेरीवाले (हॉकर) व 84 फीसदी छोटे किराना दुकानदारों के कारोबार में कमी आयी है।
दिल्ली में फेरीवालों से ज्यादा बदतर हालत छोटे दुकानदारों की है। यहां 90 फीसदी छोटे दुकानदारों के व्यापार में लगातार गिरावट हो रही है। यह खुलासा इंडिया एफडीआई वाच द्वारा देश के 5 बड़े शहरों में कराए गए एक सर्वे की रिपोर्ट में किया गया है।
बेंगलुरु, भुवनेश्वर, चेन्नई, दिल्ली व मुंबई में किए गए इस सर्वे में पाया गया कि 69 फीसदी फेरीवालों की रोजाना की कमाई 150 रुपये से कम है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रिटेल स्टोर के बढ़ते प्रभाव के कारण छोटे दुकानदारों को अपने कारोबार को बचाने के लिए रोजाना 12 घंटे से अधिक काम करना पड़ रहा है।
इसके बावजूद 47 फीसदी दुकानदार व 49 फीसदी फेरीवाले अपने कारोबार को लेकर आशावादी नहीं है। इस बात का भी जिक्र किया गया है कि 89 फीसदी दुकानदारों की दुकान बंद होने की नौबत आने पर उनके पास रोजगार के कोई और विकल्प नहीं है। 73 फीसदी छोटे दुकानदारों के पास अपनी दुकान तक नहीं है। ये सभी किराए की दुकान से कारोबार कर रहे हैं।
इंडिया एफडीआई वाच के निदेशक धर्मेंद्र कुमार ने इस मसले को लेकर आज यहां संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि तत्काल प्रभाव से कॉरपोरेट रिटेल स्टोर की बढ़ोतरी पर रोक लगा देनी चाहिए।