मध्य प्रदेश के बैंक आजकल गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज दे रहे हैं।
बैंकों का कहना है कि गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को कम ब्याज दरों पर लोन बाटंने के लिए किसी भी तरह के दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।
इस बीच मध्य प्रदेश सरकार ने ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज देने के लिए बैंकों की खिंचाई की है। ग्रामीण विकास निदेशक ए एस अहलावत ने बताया कि ‘बैंकर्स स्वर्ण जंयती ग्रामीण स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाई) के अंतर्गत 11 फीसदी की ब्याज दरों पर लोन बांट रहे है। जबकि योजना में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को दिए जाने वाले ऋण पर 9 फीसदी ब्याज दरें तय की गई हैं।
अहलावत ने कहा कि ब्याज की ऊंची दरों के कारण ही मध्य प्रदेश में एनपीए (ऐसा कर्ज जिसे बैंके बाद में वसूल न पाए) के बढ़ने का कारण है।वर्ष 2007-08 में 250 करोड़ रुपये का ऋण बांटने का लक्ष्य तय किया गया था। लेकिन बैंकों ने केवल 102.79 करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी प्रदान की जबकि 85.50 करोड़ रुपये ही जारी किए गए। इसी तरह से बैंकों ने लोन बांटने के कुल प्रस्तावित लक्ष्य का केवल 41 फीसदी मंजूर किया और 35 फीसदी को बांटा।
राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष के सुबारमन ने बिजनैंस स्टैंडर्ड को बताया कि बैंको को भारतीय रिजर्व बैंक से एसजीएसवाई के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को दिए जाने वाले ऋण पर 9 फीसदी या इससे कम ब्याज दरों को रखने का निर्देश मिला है।मध्य प्रदेश में विभिन्न बैंकों ने अपनी प्रधान ब्याज दरों को अलग- अलग तय कर रखा है।
ये प्रधान ब्याज दरें तीन लाख के ऊपर ऋण लेने पर लगाई जाती हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि राज्य को केंन्द्रीय परामर्श दात्री समिति से इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए ताकि रिजर्व बैंक इसके लिए जरुरी दिशा-निर्देशों को जारी कर सके । राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के आंकडों के मुताबिक ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स दिए जाने वाले लोन पर लगभग 14 फीसदी की दर से ब्याज ले रही है।
भारतीय स्टेट बैंक बडवानी जिले में 13.25 फीसदी की दर से और विदिशा जिले में 14.50 फीसदी की दर से ब्याज वसूल कर रही है। एसजीएसवाई योजना के तहत बैंक स्वरोजगार के लिए लोगों को कर्ज देते हैं। कोई भी व्यक्ति अकेले या समूह में काम शुरु करने के लिए इस योजना के अंतर्गत कर्ज ले सकता है। राज्य ने बैंकों को एसजीएसवाई योजना के अंतर्गत 8.69 करोड़ रुपये की छूट देने की मांग भी उठाई है।