झारखंड सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में छात्रों के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल के लिए एक अनोखी पहल की जा रही है।
राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री बंधु तिर्की ने राज्य के प्रत्येक स्कूल में हजाम को बहाल करने का आदेश दिया है। स्कूलों में बहाल किए जाने वाले नाई छात्रों के बाल बनाने के साथ-साथ उन्हें नियमित रूप से बाल धोने, साफ-सुधरा रहने और स्वास्थ्य संबंधी अन्य शिक्षा भी देंगे।
राज्य में करीब 40,000 सरकारी स्कूल हैं। राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री ने स्कूलों में हजाम को नियुक्त किए जाने का फैसला उस वक्त लिया जब वे विभिन्न गांवों में स्कूलों के दौरे पर थे। तिर्की ने बताया कि सरकार की योजना, राज्य संचालित स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों को बहाल करने की भी है, ताकि उन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अंग्रेजी की बेहतर शिक्षा मिल सके।
उल्लेखनीय है कि बीते 25 अप्रैल को सिंहभूम जिले के पोटका गांव में शिक्षकों, छात्रों और उनके परिजनों को संबोधित करते हुए बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक हजाम को 1,500 रुपये का वेतन दिया जाना चाहिए और साथ ही उन हजामों को स्कूल परिसर में ही जगह मुहैया करवाई जानी चाहिए। तिर्की ने बताया कि 2010 तक राज्य संचालित प्रत्येक स्कूलों में गुणात्मक और परिणात्मक रूप से बदलाव लाया जाएगा और उस वक्त तक यहां के बच्चे धड़ेले से अंग्रेजी बोल सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि तिर्की इससे पहले स्कूलों में अनुशासन को मजबूत बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाने के कारण सुर्खियों में छा चुके हैं। उस दौरान उन्होंने राज्य के विभिन्न विद्यालयों का आकस्मिक दौरा किया था। उन्होंने लोगों को यह भी आश्वासन दिया था कि स्कूलों में अध्यापक नियमित रूप से उपस्थित रहेंगे।
अब छत्तीसगढ़ सरकार सिखाएगी गाड़ी चलाना
छत्तीसगढ़ सरकार अपनी एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य में अनुसूचित जाति और जनजाति के 2,000 युवाओं को मोटर गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण देगी। इस योजना की शुरुआत जल्द ही की जाएगी।
आदिवासी कल्याण विभाग के सचिव एम के राउत ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द सभी औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया गया है। इस योजना को आदिवासी कल्याण विभाग ने तैयार किया है और इसे राज्य सरकार की मंजूरी हासिल हो चुकी है। योजना के तहत 18 से 35 साल की उम्र के 2,000 युवाओं को बिना कोई शुल्क लिए मोटर ड्राइविंग सिखाई जाएगी। प्रशिक्षण की अवधि तीन माह है।
प्रत्याशी को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी और गरीबी रेखा से नीचे का होना चाहिए। राउत ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अनुसूचित जाति के 600 युवाओं और अनुसूचित जनजाति के 1,400 युवाओं को इस योजना में शामिल किया जाएगा। सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद राज्य सरकार इन युवाओं को मुफ्त में ड्राइविंग लाइसेंस भी देगी।
उन्होंने बताया कि ‘सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में प्रशिक्षित ड्राइवरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना से युवाओं के लिए रोजगार के मौकों में बढ़ोतरी होगी।’ इन युवाओं को हल्के और भारी वाहन चलाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि 90 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति वाले छात्रों को प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये का मासिक भत्ता भी देगी।