निवेश और जांच जैसे क्षेत्रों में सरकारी फैसलों में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए पंजाब सरकार ने बाहर से आडिट कराने का फैसला किया है।
इसके लिए गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाले स्वतंत्र सलाहकारों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए पंजाब ढांचागत विकास बोर्ड ने 22 एजेंसियों के एक पैनल का चुनाव किया है। बोर्ड इस योजना के लिए नोडल एजेंसी है।
इस योजना के लिए जिन 22 एजेंसियों को चुना गया है उनमें से 13 हाईवे और पुल परियोजनाओं की निगरानी करेंगी जबकि 9 एजेंसियों को जल आपूर्ति, सीवरेज और भवन निर्माण परियोजनाओं के क्षेत्र में निगरानी का काम सौंपा गया है। सरकार के विभिन्न विभागों से एक महीने के भीतर गुणवत्ता सुनिश्चित करने और तकनीकी सहायता सेवाओं के लिए शर्तों और दशाओं को तैयार करने के लिए कहा गया है।
प्रत्येक सरकारी परियोजना में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक आंतरिक प्रणाली होगी और किसी बाहरी स्वतंत्र एजेंसी से परियोजना की तैयारी से लेकर पूरे होने तक समय समय पर निगरानी की जाएगी। सरकार ने फैसला किया है कि 3 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की जांच इन सलाहकारों से कराई जाएगी और छोटी परियोजनाओं को एक में मिला दिया जाएगा ताकि सलाह सेवाओं की लागत को कम किया जा सके।
इस बारे में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार हरचरण बैंस ने बताया कि सरकार ने सभी बड़ी परियोजनाओं के लिए स्टैंडर्ड बोली दस्तावेज और ई-टेंडरिंग शुरू करने का फैसला भी किया है।