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भारत स्वच्छ ऊर्जा का आकर्षक बाजार

Last Updated- December 15, 2022 | 5:00 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावॉट के अल्ट्रा मेगा सोलर पावर पार्क का शुभारंभ किया। रीवा सौर बिजली संयंत्र को एशिया की सबसे बड़ी सौर बिजली परियोजनाओं में से एक कहा जा रहा है। यह योजना जनवरी 2020 में चालू हुई थी और इससे मध्य प्रदेश और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को बिजली की आपूर्ति होगी।
इस परियोजना की बोली 2017 में हुुई थी और तीन कंपनियों महिंद्रा रिन्युएबल, एक्मे सोलर और स्प्रंग एनर्जी को 250-250 मेगावॉट का ठेका मिला था। इन परियोजनाओं के लिए बोली हासिल करने का शुल्क पहले साल के लिए 2.97-2.98 रुपये प्रति यूनिट था और 25 साल के ठेके के लिए 3.32 रुपये प्रति यूनिट भाव था। इस बोली में जो शुल्क सामने आया, पहली बार यह भारत में ताप बिजली के मूल्य से नीचे था। परियोजना की कुल लागत 4,305 करोड़ रुपये है। यह परियोजना 1,550 हेक्टेयर में बनी है।
रीवा पार्क में कम दर पर बोली लगने की एक वजह यह थी कि राज्य सरकार ने बिजली खरीद का आश्वासन दिया था और खरीद में चूक होने पर सॉवरिन गारंटी की पेशकश की थी। शुभारंभ के मौके पर एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा कि रीवा परियोजना इस पूरे इलाके को इस दशक में शुद्ध एवं स्वच्छ ईंधन के केंद्र के रूप में बदल देगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सौर ऊर्जा परियोजना आत्मनिर्भर भारत की सही प्रतिनिधि है। आत्मनिर्भरता और प्रगति का महत्त्वपूर्ण पहलू अर्थव्यवस्था है। भारत ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करके पर्यावरण व अर्थव्यवस्था के बीच के उहापोह को दूर किया है।’
उन्होंने कहा कि भारत ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और इस तरह के बड़े कदमों के बाद देश अब स्वच्छ ऊर्जा के सबसे आकर्षक बाजार के रूप में देखा जाने लगा है।
प्रधानमंत्री ने घरेलू उद्योग से स्वदेशी वस्तुओं व उपकरणों के माध्यम से भारत में सौर ऊर्जा की वृद्धि में अहम भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘भारत सौर संयंत्रों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों जैसे फोटोवोल्टाइक सेल, बैटरी टेक्नोलॉजी के आयात पर निर्भरता घटा रहा है। मैं चाहता हूं कि उद्योग, युवा, एमएसएमई और स्टार्टअप इस अवसर को चूकें नहीं और सौर ऊर्जा में इस्तेमाल होने वाले सभी इनपुट के उत्पादन के लिए काम करें।’
इस साल जनवरी में रीवा परियोजना की सभी इकाइयां परिचालन में आ गई थीं। डीएमआरसी दिन की बिजली की जरूरतों के लिए इस परियोजना से 2019 से ही बिजली ले रहा है। पार्क से उत्पादित कुल बिजली का 24 प्रतिशत डीएमआरसी लेगा। शेष बिजली मध्य प्रदेश सरकार लेगी।

First Published - July 10, 2020 | 11:13 PM IST

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