उत्तराखंड के दूरदराज इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए राज्य सरकार ‘विशेष एकीकृत औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2008’ के कार्यान्वयन के लिए तैयार है।
इस नीति को राज्य के मुख्यमंत्री बी. सी. खंडूड़ी की मंजूरी भी मिल चुकी है। सरकार औद्योगिक इकाइयों के लिए बिजली की नई दरों को लागू करने वाले नए दिशा-निर्देशों को भी एक-दो दिन में घोषित कर देगी।
औद्योगिक सचिव पी. सी. शर्मा ने बताया, ‘ये नए दिशा-निर्देश तैयार हैं और इन्हें मंजूरी भी मिल चुकी है।’ विशेषज्ञों का कहना है कि इस नई नीति को मुख्य तौर पर 1 अप्रैल को प्रस्तावित किया गया था। इस नीति में विशेष बिजली करों से शत प्रतिशत छूट देने की बात कही है।
ऐसा पहली बार है जब सरकार ने औद्योगिक और बिजली की नीतियों को एक साथ पारित किया है। इसका कारण इन दोनों नीतियों का एक-दूसरे का पूरक होना है। नई नीति में सुदूरवर्ती और पहाड़ी इलाकों को मिलने वाली सुविधाओं के हिसाब से ए और बी दो समूहों में बांटा है। इस नीति के तहत 5 करोड़ रुपये के निवेश की बात कही गई है।
साथ ही इतने ही निवेश में इस नीति को मेगा योजना का तमगा भी पहना दिया गया है। जबकि इसके पहले 2003 की औद्योगिक नीति के तहत 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश वाली योजनाओं को ही मेगा योजना का खिताब दिया जाता था।