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उद्योगों को नई बिजली दरों पर आपत्ति

Last Updated- December 05, 2022 | 9:45 PM IST

छोटे, लघु और मझोले उद्योगों की सर्वोच्च संस्था भारतीय औद्योगिक संघ (आईआईए) ने उत्तर प्रदेश राज्य बिजली नियामक आयोग (यूपीएससीआरसी) द्वारा घरेलू, वाणिज्यिक  और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए हाल में बढ़ाई गई बिजली की दरों पर एतराज जताया है।


आईआईए ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में छोटे और मझोले उद्योगों की समस्याओं को दरकिनार कर रही है। राज्य सरकार छोटे और मझोले उद्योगों से सौतेला व्यवहार कर रही है। खास बात यह है कि आयोग ने लघु उद्योगों के लिए बिजली दरों में 22 फीसदी की वृद्धि कर दी है। जबकि घरेलू स्तर के उपभोक्ताओं के लिए इसे बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया गया है।


अगर देखा जाए तो राज्य में बिजली की दरों में कुल 14 फीसदी का इजाफा किया गया है। आईआईए ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली के खराब हालात और पड़ोसी राज्यों से मिल रही कड़ी प्रतियोगिता को देखते हुए लघु उद्योगों का राज्य में अपनी साख को बनाए रखना मुश्किल होता जा रहा है।


आईआईए के एक सदस्य ने इस बाबत कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली के 60 फीसदी तकनीकी और वाणिज्यिक घाटे की भरपाई के लिए यूपीएससीआरसी ने सारा का सारा बोझ औद्योगिक उपभोक्ताओं के ऊपर डाल दिया है। अब औद्योगिक उपभोक्ताओं को बिजली की दोगुनी दरों को अदा करना पड़ा करेगा।


आईआईए ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र के लिए आवश्यक न्यूनतम उपभोग शुल्क और तयशुदा शुल्कों की मांग को पूरा नहीं किया गया है जबकि कई दूसरे राज्यों में इस तरह की मांगों को पूरा किया जा चुका है। इसके बावजूद आईआईए ने यूपीएससीआरसी द्वारा कम खपत करने वाले उपभोक्ताओं को छूट दिये जाने के निर्णय का स्वागत किया है।


दूसरी ओर नई दरों पर उद्योगों और आम आदमी के बढ़ते विरोध को देखते हुए सरकार ने स्पष्टीकरण ने दिया है कि वृद्धि वास्तव में उतनी नहीं र्हुई है जितनी कि बर्ताई जा रही है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा राज्य में विद्युत दरों में औसतन 14 प्रतिशत की घोषणा के अगले दिन राज्य सरकार ने आज यहां बताया है कि छोटे एवं मझोले उद्योगों विद्युत दरों में 22 प्रतिशत की बजाय मात्र 10.50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है।


राज्य सरकार की तरफ से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि मझोले उद्योगों में 11 केवी से नीचे 12 से 14 प्रतिशत और इससे ऊपर दो से सात प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है न कि 22 प्रतिशत की। यह दर भारी उद्योगों पर भी लागू होगी जिनकी बढ़ोत्तरी 17 प्रतिशत होने की बात कही गई थी। 


विज्ञप्ति में कहा गया है कि विद्युत नियामक आयोग के टैरिफ कार्ड में छोटे और मझोले उद्योगों के लिए एनर्जी चार्ज प्रति यूनिट मौजूदा 3.90 रुपये से बढ़ाकर मात्र 4.30 रुपये किया गया है और इस तरह बढ़ोत्तरी लगभग 10.50 प्रतिशत की है 22 अथवा 17 प्रतिशत की नहीं।

First Published - April 17, 2008 | 11:20 PM IST

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