आर्थिक मंदी से जूझते उद्योगों के लिए पंजाब सरकार के एक फरमान ने कोढ़ में खाज का काम किया है। राज्य सरकार ने सभी उद्योगों से कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने के लिए कहा है।
हालांकि कंपनियों ने आर्थिक मंदी की दुहाई देते हुए ऐसा करने में अपनी असमर्थता जताई है।पंजाब चैंबर ऑफ स्मॉल एक्सपोर्टर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ए के कोहली ने बताया, ‘मौजूदा मंदी के हालात में सरकार हमसे कर्मचारियों के वेतन में न्यूनतम वृद्धि की उम्मीद कैसे कर सकती है। वह भी सितंबर 2008 से।’
उन्होंने बताया, ‘मंदी के कारण निर्यातकों, उद्योगपतियों पर पहले से ही दबाव है। ऐसे में सरकार का यह फरमान हमारे लिए मुसीबतें ही बढ़ाएगा।’ पंजाब सरकार के गजेट में 7 जनवरी को यह अधिसूचना प्रकाशित की गई है।
उद्योगपति और निर्यातक पहले ही कर्मचारियों को सितंबर से दिसंबर तक का वेतन दे चुके हैं। इसके अलावा वह ईएसआई और पीएफ रिटर्न भी भर चुके हैं। उनका कहना है कि अब इस अधिसूचना को लागू करने से काफी दिक्कत हो जाएगी। इससे अतिरिक्त कागजी काम ही नहीं बढेग़ा बल्कि पंजाब के कारोबारियों द्वारा इस अधिसूचना को लागू कराने के लिए काफी मशक्कत भी करनी पड़ेगी।
जालंधर औद्योगिक परिसंघ और कारोबारी संगठन के अध्यक्ष गुरुशरण सिंह ने बताया,’हमने राज्य के मुख्यमंत्री से इस अधिसूचना में हस्तक्षेप कर सुधार करने के लिए कहा है। इससे उद्योग अतिरिक्त कागजी काम होने वाली दिक्कतों से बचेंगे।’